रामचरितमानस को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है, बिहार के मंत्री के बाद अब कर्नाटक के प्रोफेसर और लेखक ने भगवान राम पर विवादित टिप्पणी की है, जिस बवाल मच गया है। रि. प्रोफेसर और लेखक केएस भगवान ने कहा कि राम राज्य बनाने की बात चल रही है, वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड को पढ़ने से पता चलता है कि (भगवान) राम आदर्श नहीं थे। उन्होंने 11,000 वर्षों तक शासन नहीं किया, बल्कि केवल 11 वर्षों तक शासन किया।

भगवान राम पर क्या बोले केएस भगवान?

इतना ही नही, केएस भगवान ने कहा कि भगवान राम दोपहर में सीता के साथ बैठते थे और पूरे दिन पीते थे। उन्होंने बिना परवाह किए अपनी पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया। एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे शूद्र शंबूक का सिर काट दिया। वे कैसे आदर्श हो सकते हैं? सोशल मीडिया पर उनके इस बयान पर बवाल मचा हुआ है। लोग उनके इस बयान पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

@pn_himanshu यूजर ने लिखा कि ये प्रोफेसर साहब, माननीय मंत्री चंद्रशेखर जी से भी ज्यादा जानकार निकले। @RoliTiwariMish1 यूजर ने लिखा कि बताइये, इनके उम्र का लिहाज़ करके इन्हें छोड़ दिया जाए या इन पर कानूनी कार्रवाई की जाए? @AcharyaPramodk यूजर ने लिखा कि इस आदमी का नाम भगवान नहीं शैतान होना चाहिये। एक यूजर ने लिखा कि पता नही केएस भगवान के ईष्ट कौन है लेकिन भगवान राम हमारे ईष्ट और आदर्श हैं, इसलिए उनके बारे में अनर्गल टिप्पणी कर कराड़ों लोगों की भावनाओं को आहत मत करो।

@Rudrans81430739 यूजर ने लिखा कि राम, सीता, शिव, पार्वती, राधा, कृष्ण इन सब पर अभद्र टिप्पणी होगी क्योंकि यह सेक्युलर देश है और सेक्युलर का अर्थ ही सनातन को बदनाम करना है। @VipinRathaur यूजर ने लिखा कि बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा? @VibhuBhola यूजर ने लिखा कि हिंदुस्तान में हिंदुओं के सामने ही ये ऐसी बकवास कर सकते हैं, कहीं दूसरे देश में किसी और धर्म पर बोलते तो आपको पता है कि क्या होता।

बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं था जब केएस भगवान ने इस तरह का बयान देकर विवादों में आये हों। इससे पहले उन्होंने काह था कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम ‘नशा’ पीते थे और सीता को भी इसका सेवन कराते थे। ऐसी ही उन्होंने अपनी किताब में भी लिखा था, जिस पर खूब बवाल मचा था।