दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को पिंजड़ा तोड़ के एक्टिविस्टों नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और स्टुडेंट्स इस्लामिक आर्गनाइजेशन के एक्टिविस्ट आसिफ इकबाल तन्हा को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए। गौरतलब है कि तीनों छात्र एक्टिविस्ट को पिछले साल यानी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा से संबंधित साजिश के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।

नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ इकबाल तन्हा की रिहाई के बाद लोग सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा कर रहे हैं। इसी पर पत्रकार आशुतोष ने पुलिसवालों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अपने बच्चों से आंख कैसे मिलाते होंगे । उन्होंने लिखा कि मुझे अफसोस उन पढ़े-लिखे पुलिस अफसरों पर होता है। जो अपनी नौकरी बचाने के लिए बेगुनाह लोगों को अपने आका के कहने पर जेल में डालते हैं। उनके इसी ट्वीट पर लोगों ने उन्हें रोल करना शुरू कर दिया।

उनके इस ट्वीट पर मोहम्मद आसिफ नाम के ट्विटर यूजर ने तंज कसते हुए कहा कि उसी तरह से जिस तरह से आजकल के पत्रकार अपने बच्चों से आंख मिलाते हैं। वहीं एक यूजर ने लिखा कि तुम अपने बच्चों से कैसे आंखें मिलाते हो।

विराज शर्मा नाम की ट्विटर यूजर पत्रकार आशुतोष के गीत ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखते हैं कि वैसे ही जैसे तथाकथित पत्रकार फ़र्जी खबर चलाते हैं। नारायण सिंह ने उन पर फर्जी खबर फैलाने का आरोप लगाते हुए लिखा कि, ” मुझे अफसोस ऐसे पढ़े-लिखे अपने आप को पत्रकार बोलने वालों पर है। जो हमेशा देश में दंगे भड़काने वालों के साथ खुलकर खड़े रहते हैं। उनमें से तुम भी एक हो।

अनुज अवस्थी नाम के ट्विटर यूजर उन का मजा लेते हुए लिखते हैं कि, ” आपकी तरह पुलिस वाले दिखावटी चश्मा नहीं पहनते, अपने बच्चों से आंख मिला लेते होंगे । आप अपना बताइए चश्मा उतार कर आंख मिलाते हैं अपने बच्चों से, या छुपा कर चुपचाप सो जाते हैं”। एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि,”याद है, घर पर और दोस्तों से कैसे आंख मिलाया था, एक हाथ “लाल” पड़े गाल पर रखकर” ??