नई दिल्ली में कर्तव्य पथ का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हर तरफ जो नई आभा दिखाई दे रही है, वो नए भारत की आत्मविश्वास वाली आभा है। गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानी राजपथ आज से इतिहास की बात हो गया है। हमेशा के लिए मिट गया है। आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है। इसी को लेकर पत्रकार आशुतोष ने एक सवाल किया। जिस पर लोग कई तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पत्रकार आशुतोष ने किया यह ट्वीट
पत्रकार आशुतोष ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से लिखा कि देश की आजादी की लड़ाई को भी एक दिन गुलाम ही बता दिया जाएगा। उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘ वैसे देश की गुलामी का सबसे बड़ा प्रतीक तो रेलवे है, जिसको भारत में लाया ही गया देश की संपदा को लूटने के लिए। कब हटाई जाएगी रेल?’
बिना नाम लिए बीजेपी पर किया कटाक्ष
पत्रकार आशुतोष ने बिना नाम लिए भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष कर कहा कि आजादी की लड़ाई में कहीं नहीं थे, जो अपने घरों में तक छुपे बैठे थे या माफी मांगकर अंग्रेजों की गुलामी कर रहे थे। जब लाखों युवा फांसी के फंदे पर झूल रहे थे, वो अब देश की आजादी का अर्थ समझा रहे हैं। पत्रकार आशुतोष द्वारा किए गए इन ट्वीट्स पर कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया है तो वहीं कुछ लोगों ने तंज कसते हुए कमेंट्स किया है।
यूजर्स के रिएक्शन
विजय पटेल नाम के एक टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि सर यह तर्क आपकी आम आदमी पार्टी के लेवल का है, क्यों छोड़ी आपने पार्टी? प्रणव महाजन नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – गुलामी का सबसे बड़ा प्रतीक गुलाम मानसिकता है और कुछ लोग इससे कभी आजाद नहीं हो सकते। आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान ने आशुतोष के ट्वीट पर कमेंट किया, ‘भाई साहब, देश की मिट्टी, पैसा, मज़दूरी, श्रम, समय सब भारत देश का लगा था और है रेलवे में। ये बेहद शर्मनाक ट्वीट है आपका। हमें अपने देश के रेलवे पर बेहद गर्व है। भारतीय रेलवे ग़ुलामी नही बल्कि गर्व की निशानी है।’
राजीव नेगी नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि यह इस साल का सबसे बुरा ट्वीट है। गुलिस्ता नाम की एक टि्वटर यूजर्स द्वारा लिखा गया, ‘उस समय तो पूरा देश ही गुलाम था, क्या उसे भी छोड़ देना चाहिए। गुलामी का प्रतीक है गुलामी से जुड़ी हर चीज उस दिन से हमारी है, जिस दिन अंग्रेज भारत छोड़कर गए और हमारा देश स्वतंत्र हुआ।