अभिनेत्री शबाना आजमी ने अपने पति जावेद अख्तर को जिहादी कहे जाने और सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करने वालों करारा जवाब दिया है। शबाना आजमी ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर ट्रोलर्स को जवाब देते हुए लिखा कि ‘जिहाद-ए-तंग नज़र ने मुझे क़ाफिर जाना और क़ाफिर ये समझता है मुसलमान हूं मैं।’ मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर सोशल मीडिया पर अपनी बात बेबाकी से रखते हैं। कई बार उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया जाता है। दरअसल इस बार उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि ‘क्या आप जानते हैं उन छात्रों की संख्या कितनी है जो मदरसा जाते हैं? 4 प्रतिशत!!! लेकिन देखिए क्या धारणाएं बनाई जा रही हैं।’ इस ट्वीट के बाद कई लोग जावेद अख्तर को ट्विटर पर ट्रोल करने लगे थे।
प्रदीप यादव नाम के एक ट्विटर यूजर ने तो जावेद अख्तर को जिहादी तक कह दिया था। प्रदीप यादव ने ट्वीट किया कि ‘डिअर जिहादी जावेद अख्तर अंकल, 25 करोड़ का 4प्रतिशत-1 करोड़, मतलब 132 करोड़ की आबादी वाले देश मे 1 करोड़ आतंकी, बहुत होते हैं अंकल।’ हालांकि उस वक्त जावेद अख्तर ने भी इस शख्स को जवाब देते हुए लिखा था कि ‘यार तुम बहुत ज्यादा जाहिल हो…तुमसे मैं बात नहीं करूंगा…अपने जैसा ही कोई ढूंढो।’
zāhid-e-tañg-nazar ne mujhe kāfir jaanā
aur kāfir ye samajhtā hai musalmān huuñ maiñ https://t.co/LRblfPmay8— Azmi Shabana (@AzmiShabana) August 2, 2018
अभी कुछ ही दिनों पहले जावेद अख्तर ने संसद में कविताओं को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले सासंदों पर अपना एतराज जताया था। उस वक्त जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा था कि ‘मैं हाथ जोड़ कर लोकसभा में सभी पार्टियों के सांसदों से अनुरोध करता हूं कि कम से कम कविता पर कुछ दया दिखाएं। 12 घंटे चले सत्र के दौरान सुनाई गई प्रत्येक कविता को या तो तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया या गलत तरीके से शब्दों का उच्चारण किया गया।’
मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर को लेकर भी कुछ महीने पहले देश में बहस छिड़ गई थी। उस वक्त गायक सोनू निगम ने एक ट्वीट किया था कि ‘अगर वो मुस्लिम नहीं हैं तो मस्जिद की अजान की आवाज से उनको क्यों रोज सुबह उठना पड़ता है।’ उन्होंने लिखा था कि ‘कब तक हम लोगों को ऐसी धार्मिक रीतियों को जबरदस्ती ढोना होगा।’ इस मुद्दे पर भी जावेद अख्तर ने ट्वीट किया था और लिखा था कि ‘ वह सोनू निगम सहित उन सभी लोगों से पूरी तरह सहमत हैं जो चाहते हैं कि मस्जिद में लाउड स्पीकर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।’ जावेद ने आगे लिखा था कि ‘मंदिर, गुरुद्वारे, गिरिजाघरों में भी लाउड स्पीकर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।’


