मशहूर शायर, लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने देश की सबसे बड़ी पंचायत में होने वाली शेर-ओ-शायरी पर नाराजगी जाहिर की है। जावेद अख्तर ने संसद में कविताओं को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले सांसदों से हाथ जोड़कर अपील किया है वो शब्दों के उच्चारण के साथ खिलवाड़ ना करें। जावेद अख्तर ने एक ट्वीट कर कहा कि ‘मैं हाथ जोड़ कर लोकसभा में सभी पार्टियों के सांसदों से अनुरोध करता हूं कि कम से कम कविता पर कुछ दया दिखाएं। 12 घंटे चले सत्र के दौरान सुनाई गई प्रत्येक कविता को या तो तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया या गलत तरिके से शब्दों का उच्चारण किया गया।’

दरअसल इससे पहले कई सांसदों ने संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान अपनी बात कविता के जरिये रखी। लेकिन कई सांसद कविता को गलत तरीके से पढ़ गए या फिर शब्दों का सही उच्चारण नहीं कर पाए। इसी बात से जावेद अख्तर ख़फा हो गए हैं। अब जावेद अख्तर द्वारा ऐसी अपील किये जाने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

कवि समरत कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ‘लोकतंत्र नहीं poetry ख़तरे में है।’ कई यूजर्स ने इसपर जावेद अख्तर को ट्रोल करने के अंदाज में लिखा कि ‘उसी तरह सर कृप्या कर के आप भी कविताओं में जितना प्रयोग कर सकते हैं करें, आरएसएस और बीजेपी पर ज्ञान ना दें।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘आप को poetry स्पीकर बना दे क्या सर जी।’

अनय कुमार नाम के एक यूजर जावेद अख्तर की बातों से सहमत नजर आए। आमिर नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘सर एक ट्रेनिंग सेशन हो जाये, इनका रदीफ काफ़िया ठीक किया जाये’ !!! एक यूजर ने इसपर मजे लेते हुए लिखा कि ‘संसद में कवि के लिए भी आरक्षण चाहिए। जो इन गलतियों को ठीक करता फिरेगा।’ शिव शर्मा नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘पोएट्री पर ध्यान तो तब जाएगा जावेद साहब जब हम लोग भाषा की शुद्धता पर ध्यान देंगे। कोई भी शहर हो अंग्रेजी के होर्डिंग-साइनबोर्ड 90% सही मिलते हैं, पर हिंदी में लिखे 50% भी सही नहीं मिलते। जैसा लिखते हैं वैसा पढ़ते और बोलते भी हैं।’