मशहूर शायर, लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने देश की सबसे बड़ी पंचायत में होने वाली शेर-ओ-शायरी पर नाराजगी जाहिर की है। जावेद अख्तर ने संसद में कविताओं को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले सांसदों से हाथ जोड़कर अपील किया है वो शब्दों के उच्चारण के साथ खिलवाड़ ना करें। जावेद अख्तर ने एक ट्वीट कर कहा कि ‘मैं हाथ जोड़ कर लोकसभा में सभी पार्टियों के सांसदों से अनुरोध करता हूं कि कम से कम कविता पर कुछ दया दिखाएं। 12 घंटे चले सत्र के दौरान सुनाई गई प्रत्येक कविता को या तो तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया या गलत तरिके से शब्दों का उच्चारण किया गया।’
दरअसल इससे पहले कई सांसदों ने संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान अपनी बात कविता के जरिये रखी। लेकिन कई सांसद कविता को गलत तरीके से पढ़ गए या फिर शब्दों का सही उच्चारण नहीं कर पाए। इसी बात से जावेद अख्तर ख़फा हो गए हैं। अब जावेद अख्तर द्वारा ऐसी अपील किये जाने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
With folded hands and utmost humility I want to request the MPS of all the parties in the lok sabha to at least have some mercy on poetry . With out any exception Each and every couplet recited during the 12 hour session was either wrongly worded, out of meter or mispronounced
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) July 24, 2018
कवि समरत कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ‘लोकतंत्र नहीं poetry ख़तरे में है।’ कई यूजर्स ने इसपर जावेद अख्तर को ट्रोल करने के अंदाज में लिखा कि ‘उसी तरह सर कृप्या कर के आप भी कविताओं में जितना प्रयोग कर सकते हैं करें, आरएसएस और बीजेपी पर ज्ञान ना दें।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘आप को poetry स्पीकर बना दे क्या सर जी।’
लोकतंत्र नहीं poetry ख़तरे में है
— Kavi Samrat kumar (@kavi_samrat) July 24, 2018
On the same Lines Sir, please aap POETRY me jitna Innovation karna hai karie, FALTOO me RSS Aur BJP pe GYAN na den.
— Rajesh Kumar (@RajeshKr78) July 24, 2018
आप को poetry स्पीकर बना दे क्या सर जी
— Kavi Samrat kumar (@kavi_samrat) July 24, 2018
अनय कुमार नाम के एक यूजर जावेद अख्तर की बातों से सहमत नजर आए। आमिर नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘सर एक ट्रेनिंग सेशन हो जाये, इनका रदीफ काफ़िया ठीक किया जाये’ !!! एक यूजर ने इसपर मजे लेते हुए लिखा कि ‘संसद में कवि के लिए भी आरक्षण चाहिए। जो इन गलतियों को ठीक करता फिरेगा।’ शिव शर्मा नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘पोएट्री पर ध्यान तो तब जाएगा जावेद साहब जब हम लोग भाषा की शुद्धता पर ध्यान देंगे। कोई भी शहर हो अंग्रेजी के होर्डिंग-साइनबोर्ड 90% सही मिलते हैं, पर हिंदी में लिखे 50% भी सही नहीं मिलते। जैसा लिखते हैं वैसा पढ़ते और बोलते भी हैं।’
Fully agreed with your concern sir
— Anay Kumar (@AnayKumar18) July 24, 2018
In a way you are trying to control someone.. democracy is in danger
— Jignesh Mawali (@jigneshmawali) July 24, 2018
The best poet in the country now pic.twitter.com/vOmfhJWYcG
— blinkorshrink (@Blinkorshrink) July 24, 2018
— पप्पू बेंड इटली वाले (@PyareLall2020) July 24, 2018