बॉलीवुड इंडस्ट्री में जावेद अख्तर ने एक लंबा सफर तय कर लिया है। आज भी वह एक्टिव हैं और काम कर रहे हैं। जावेद अपनी बातें बेबाकी से रखना जानते हैं और हर मुद्दों पर अपनी राय देते हैं। ज्यादातर मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखने वाले जावेद अख्तर इन दिनों अपने एक ट्वीट को लेकर चर्चा में हैं।

लेखक ने गाजा पर किए जा रहे हमलों को लेकर इस्राइल पर निशाना साधा है। लेकिन लोगों को गीतकार के ये विचार पसंद नहीं आए और जावेद अख्तर और सोशल मीडिया यूजर्स के बीच बहस छिड़ गई।

बता दें कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चर रहे युद्ध ने पूरी दुनिया को दो पक्षों में बांट दिया है। कई लोग अपने-अपने तरीके से फलिस्तीन और इजरायल का समर्थन कर रहे हैं। इस पर बॉलीवुड सेलेब्स भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। जहां कंगना रनौत ने इजरायल पर हुए हमले की कड़ी निंदा की थी तो वहीं स्वरा भास्कर ने फिलिस्तान का समर्थन किया था। वहीं अब जावेद अख्तर का पोस्ट भी काफी वायरल हो रहा है। जावेद अख्तर भी उन लोगों में से एक हैं, जिन्हें इजरायल द्वारा किए जा रहे हमले बिल्कुल पसंद नहीं आ रहे हैं।

जावेद अख्तर ने क्या लिखा था

जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “तो अब इजराइल हिरोशिमा और नागासाकी का उदाहरण देकर गाजा के असहाय नागरिकों पर अपनी अंधाधुंध बमबारी को सही ठहरा रहा है !!! ..और तथाकथित सभ्य दुनिया सुन रही है। ये वही लोग हैं जो हमें मानवाधिकार सिखाते हैं।” जावेद अख्तर ने अपने इस पोस्ट से इजरायल को घेरने की कोशिश की थी।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

गीतकार के पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा कि “वे निर्दोष नागरिक नहीं हैं जैसा कि दिखाया जा रहा है, तथ्य यह है कि वे खूनी आतंकवादियों से सहानुभूति रखते हैं और उन्हें आश्रय देते हैं।” यूजर के इस कमेंट पर जावेद अख्तर ने रिएक्ट करते हुए लिखा कि “मैंने हमेशा सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की है। लेकिन आप मुझे नहीं समझेंगे अविनाश क्योंकि आप एक दयनीय व्यक्ति हैं जो कट्टर बनकर अपनी पहचान खोजने की कोशिश कर रहे हैं।”

एक अन्य यूजर ने लिखा कि “क्या आप हमास ने जो किया उसे उचित ठहराते हैं?” इस पर लेखक ने जवाब देते हुए लिखा कि “हमास एक आतंकवादी संगठन है, जबकि यहां कई फिलिस्तीनी हैं जो किसी भी देश के किसी भी औसत व्यक्ति की तरह सभ्य लोग हैं और यही बात इज़राइल के लिए भी सच है जहां आज भी बहुत सारे अच्छे लोग जो यहूदी हैं, इस बर्बर बमबारी का विरोध कर रहे हैं।”