नागरिकता कानून (CAA) पर देश के कई इलाकों में चल रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच जावेद अख्तर अपने एक ट्वीट को लेकर ट्रोल हो रहे हैं। हुआ ये कि 15 दिसंबर को जामिया स्टूडेंट्स पर लाठी चार्ज का मुद्दा मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में गर्माया हुआ है। मीडिया भी इस मुद्दे को भरपूर कवर कर रही है। इसी कवरेज के दौरान एक हिंदी चैनल ने दावा किया कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने उनके रिपोर्टर्स के साथ बदसलूकी की। इसका विडियो ट्विटर पर शेयर किया गया था।

एक ट्विटर यूजर ने न्यूज चैनल के उस विडियो को रिट्वीट करते हुए जावेद अख्तर समेत अन्य कुछ लोगों को टैग करते हुए लिखा- जामिया के छात्र मीडिया पर अटैक कर रहे हैं..उस मीडिया पर जो उन्हें उनके द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण विरोध का आईना दिखा रहे हैं। लेकिन ऐंटी-नैशनल और सेक्युलर लोग इसकी निंदा नहीं करेंगे। ये शहरी आतंकवादी हैं।

 

इसी ट्वीट का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने लिखा, ‘लॉ ऑफ लैंड के मुताबिक, किसी भी परिस्थिति में पुलिस किसी भी यूनिवर्सिटी के कैंपस में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की इजाजत के बिना नहीं घुस सकती। जामिया कैंपस में बिना इजाजत घुसकर पुलिस ने एक ऐसी मिसाल कायम की है जो हर यूनिवर्सिटी के लिए एक खतरा है।’

 


जावेद अख्तर के इस ट्वीट को लेकर आईपीएस संदीप मित्तल ने उन्हें ‘कानून विशेषज्ञ’ कहते हुए तंज कस दिया। संदीप मित्तल ने जावेद अख्तर को जवाब देते हुए लिखा, ‘प्रिय कानून विशेषज्ञ, प्लीज लॉ ऑफ लैंड, अनुभाग संख्या और अधिनियम आदि के नाम को थोड़ा विस्तार से समझाएं ताकि हम भी प्रबुद्ध हों।’

 

संदीप मित्तल के अलावा तमाम सोशल मीडिया यूजर्स को भी जावेद अख्तर का ये ट्वीट पसंद नहीं आया। ऐसे लोग जावेद अख्तर को ट्रोल करने लगे।

 

बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर देश के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ जगहों पर तो हिंसा और तनाव की खबरें भी सामने आई हैं। वहीं दूसरी तरफ जामिया के अदर छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ भी कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है।