IPL 2019, RR vs KXIP: इंडियन प्रीमियर लीग 2019 में किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच मुकाबले में बड़ा विवाद खड़ा हो गया। KXIP के कप्तान रविचंद्रन अश्विन पारी का 13वां ओवर फेंक रहे थे। वह गेंद फेंकने के लिए आगे बढ़े मगर RR के नॉन-स्ट्राइकर बल्लेबाज जॉस बटलर के क्रीज छोड़ते ही स्टंप बिखेर दिए। अश्विन ने इसके बाद रन-आउट की अपील की और अपांयर ने तीसरे अंपायर से निर्णय करने को कहा। थर्ड अंपायर ने पूरे प्रकरण को नियमों के तहत सही पाया और जॉस बटलर को आउट करार दे दिया। इसके बाद जॉस बटलर बेहद गुस्से में पवेलियन वापस लौटते दिखाई दिए। बटलर तब 43 गेंद में 69 रन बनाकर खेल रहे थे और RR की जीत लगभग तय थी। इस घटना के बाद राजस्थान रॉयल्स की टीम लड़खड़ा गई और आखिरकार पंजाब मैच जीत गया।
क्रिकेट की भाषा में इस तरह रन-आउट किए जाने को ‘मांकडिंग’ कहते हैं। 2017 से पहले, अगर नॉन-स्ट्राइकर गेंद फेंके जाने से पहले ही क्रीज छोड़ देता तो गेंदबाज की ओर से चेतावनी दी जाती थी। नवंबर 2017 में मेलबर्न क्रिकेट क्लब (MCC) ने नियम बदल किया। अब गेंद हाथों से छूटने से पहले अगर नॉन-स्ट्राइकर क्रीज छोड़ता है तो गेंदबाज उसे रन-आउट कर सकता है।
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में हुई इस घटना की गूंज क्रिकेट जगत में सुनाई दे रही है। कई पूर्व क्रिकेटर्स समेत हजारों फैंस ने अश्विन की ‘हरकत’ को गलत बताया और कहा कि यह खेल भावना के विपरीत है। पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन ने लिखा, “अगर जॉस बटलर को पहले चेतावनी दी गई होती तो ठीक है। अगर उसे चेतावनी नहीं दी गई तो मुझे लगता है कि अश्विन ने बिल्कुल गलत किया है।”
दक्षिण अफ्रीका के महान तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने लिखा, “अश्विन को इसके लिए क्रिकेट की भावना का अवार्ड मिलने नहीं जा रहा।” पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने कहा, “यह खेल के नियमों के भीतर हुआ मगर जॉस बटलर को अश्विन की तरफ से चेतावनी दी जानी चाहिए थी। मैं बेहद हैरान हूं। याद रहे कि अश्विन एक अंतरराष्ट्रीय मैच में भी ऐसा कर चुके हैं जहां (वीरेंद्र) सहवाग ने अपील वापस ले ली थी।”
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पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने दक्षिण अफ्रीका के पीटर कर्स्टन को 1992-93 सीरीज के दौरान इसी तरह आउट किया था। घरेलू क्रिकेट में स्पिनर मुरली कार्तिक ने बंगाल के संदीपन दास को रणजी ट्राफी मैच में मांकडिंग से आउट किया था।