अमेरिका में धार्मिक आधार पर भेदभाव का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक हिंदू डॉक्टर को ही मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। दरअसल इसके पीछे का तर्क ये दिया गया कि वह हिंदू नहीं लगते हैं और उनका सरनेम भी हिंदुओं जैसा नहीं लगता है। बता दें पीड़ित डॉक्टर ने अपने साथ ही इस घटना का उल्लेख ट्विटर पर किया है। पीड़ित डॉक्टर करन जानी ने अपने ट्वीट में लिखा कि वह अटलांट के शक्ति मंदिर में अपने दोस्तों के साथ गरबा खेलने गए थे, लेकिन वहां उन्हें एंट्री से मना कर दिया गया। करन जानी ने लिखा कि वह और उनके कुछ दोस्त पहली बार गरबा के लिए पहुंचे थे। लेकिन हमें वहां कहा गया कि हम आपके आयोजनों में नहीं आते हैं तो आप हमारे आयोजनों में नहीं आ सकते हैं।

करन जानी ने बताया कि जबकि कई गैर-भारतीय वहां प्रवेश कर रहे थे। करन जानी ने ट्वीट कर लिखा कि हमारी आईडी पर भारतीय प्रतीक भी था। बहरहाल उस पर हमारा धर्म और जाति नहीं थी। यह काफी शर्मनाक था और यह देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। करन जानी ने लिखा कि वह पिछले 6 सालों से यहां गरबा खेलने आ रहा हूं। अब मुझे मेरे सरनेम के कारण कैसे रोका जा सकता है? करन जानी ने लिखा कि मुझे आयोजकों में से एक वरिष्ठ व्यक्ति द्वारा गुजराती में ऐसी बातें भी कहीं गईं, जिन्हें पब्लिक फोरम पर लिखा भी नहीं जा सकता है। करन जानी ने लिखा कि उन्हें ऐसी बातें कही गईं ताकि हम आगे से भी कभी मंदिर में ना जा सकें।

बता दें कि करन जानी एक मशहूर वैज्ञानिक हैं और ग्रेविटेशनल वेव एस्ट्रोफिजिस्ट हैं। फोर्ब्स द्वारा उन्हें 30 अंडर 30 की सूची में भी जगह दी गई है। वहीं करन जानी के इन ट्वीट्स पर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। लोगों ने आयोजकों की आलोचना की और करन जानी को समर्थन दिया।