भारतीय सेना के जवान सीमा पर मुस्तैद रहते हुए देश की रक्षा करते हैं, ताकि हम चैन से घरों में सो सकें। जब भी ऑलिव ग्रीन यूनिफॉर्म पहले शख्स सामने आता है, हमारा सीना गर्व से फूल जाता है। हम सैनिकों की इज्जत करते हैं, मगर देश को सुरक्षित रखने के लिए उनका आभार नहीं जता पाते। एक दुर्लभ वाकये में, भारतीय सेना के एक जवान को ऐसा सरप्राइज मिला जिससे वह अभिभूत हो गया। Quora पर भारतीय सेना के जवान विक्रम बत्रा ने यह वाकया शेयर किया है, जो कि वायरल हो गया है। बत्रा गणतंत्र दिवस की परेड के लिए दिल्ली आए हुए थे। जिस होटल में वह ठहरे थे, वहां के स्टाफ ने उनकी ऐसी अगवानी की कि बत्रा उनके मुरीद हो गए। बत्रा ने जो कुछ लिखा, उन्हीं के शब्दों में आपके सामने है।
”बात हर बात बिजनेस की नहीं होती। मैं दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने आया हुआ था। मुझे दिल्ली में दो दिन रुकना था, इसलिए मैंने होटल ताज में रुकने का फैसला किया क्योंकि इसकी लोकेशन सही थी। शाम को, मैंने रिसेप्शन पर फोन किया और अपनी ड्रेस इस्त्री करने को कहा। कुछ देर बाद रूम सर्विस का लड़का मेरी ड्रेस लेने आया। मैंने उसे अपनी यूनिफॉर्म इस्त्री करने के लिए थमाई। वह यूनिफॉर्म देखकर चौंक गया और पूछा कि क्या मैं आर्मी में हूं। मैंने हां कहा तो उसने फौरन अपना मोबाइल निकाला और मेरे साथ सेल्फी खींची। उसने कहा कि वह पहली बार आर्मी के किसी अधिकारी को देख रहा है। इसके बाद उसने पैरों को पटका और जयहिंद बोलकर चला गया। कुछ देर बाद, दरवाजे पर दस्तक हुई। दरवाजा खोला तो दो खूबसूरत लड़कियां अपना माेबाइल हाथ में लिए सामने खड़ी थीं। उनमें से एक ने सेल्फी के लिए पूछा, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दूं। मैं बेवकूफों की तरह मुस्कुराता रहा। मैंने उन्हें चॉकलेट ऐसे दी जैसे वे बच्चे हों, लेकिन नर्वसनेस में दिमाग लॉजिकली सोचना बंद कर देता है।
रात करीब 9 बजे, मुझे रिसेप्शन से फोन आया कि डिनर रूम में सर्व नहीं किया जा सकता, तो क्या मैं नीचे आ सकता हूं। मैं खाना खाने नीचे गया, तब मैंने उस जगह की असल खूबसूरती देखी। कश्मीर के जंगलों का नजारा और माहौल काफी चमकीला था। मैंने जैसे ही मेन एरिना में प्रवेश किया तो चौंक गया। सामने पूरा स्टाफ खड़ा था। मैनेजर की अगुवाई में पूरा स्टाफ मेरी तरफ बढ़ा। उसने कहा – हमारे होटल में स्वागत है सर। आपको हमारे होटल में पाकर बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने मुझे एक बुके दिया और मेरे साथ ही डिनर किया। अगले दिन, होटल से ‘राष्ट्रपति भवन’ जाने के लिए मुझे बीएमडब्ल्यू कार दी गई। दिल से कहूं तो हमें ऐसे वीआईपी ट्रीटमेंट की आदत नहीं है। हम फौजियों को अपनी जिप्सी में ही ज्यादा आराम मिलता है।
चेकआउट के दिन मैं रिसेप्शन पर गया और कार्ड उन्हें दिया। मैंने रिसेप्शनिस्ट से बिल मांगा तो उसने जवाब दिया- आपके रुकने का खर्च होटल की तरफ से। आप हमारे देश की रक्षा करते हैं। यह हमारी तरफ से आपके प्रति आभार जताने की एक छोटी सी कोशिश है। हमारी वर्दी को लेकर उन्हाेंने जो सम्मान दिखाया, उसके लिए मुझे बेहद अच्छा महसूस हुआ। इस वाकये के बाद मैंने ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के सीईओ को लिखा। ताज दिल्ली के मैनेजर द्वारा की गई इस कोशिश को मैंने उन्हें बताया। उन्होंने रिटर्न मेल भेजकर मुझे चौंका दिया। उन्हाेंने कहा कि ताज ग्रुप ऑफ होटल्स ने देशभर के ताज होटल्स में आर्मी अधिकारियों के लिए डिस्काउंट देने का फैसला किया है।”