महेंद्र सिंह धोनी ने धर्मशाला में खेले जा रहे तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच में रविवार को भारत को अपने वनडे इतिहास के न्यूनतम स्कोर से बचा लिया। श्रीलंका ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी जिसे उसके गेंदबाजों ने सही साबित किया और भारत को 38.2 ओवरों में 112 रनों पर ढेर कर दिया। एक समय भारत के लिए 50 का आंकड़ा पार करना भी मुश्किल लग रहा था। उसने अपने सात विकेट 29 रनों के कुल स्कोर पर खो दिए थे, लेकिन संकटमोचक धोनी ने अहम समय पर 87 गेंदों में 10 चौके और दो छक्कों की मदद से 65 रनों की पारी खेलते हुए अपनी टीम को 100 का आंकड़ा पार कराया, साथ ही उसे वनडे इतिहास में सबसे न्यूनतम स्कोर पर आउट होने से भी बचा लिया। जब टीम का स्कोर 8 विकेट के नुकसान पर 87 रन था, तब धोनी ने अंपायर के आउट देने से पहले ही रिव्यू लेकर सबको हैरान कर दिया। हर बार की तरह इस बार भी रिव्यू भारत के पक्ष में आया और धोनी फिर सही साबित हुए।
जसप्रीत बुमराह की बल्लेबाजी के दौरान सचिता पाथिराना की एक गेंद बैक लेग पर जाते समय पैड से टकराई। सामने से देखने पर गेंद विकेटों पर जाती दिख रही थी, अपील करते ही अंपायर ने उंगली उठाना शुरू किया। नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े धोनी ने फौरन ही रिव्यू के लिए इशारा कर दिया। रिप्ले में दिखा कि गेंद ऑफ स्टंप के बाहर जा रही थी इसलिए अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा।
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भारत ने पहले पांच ओवर में दो रनों पर दो विकेट खो दिए थे। यह वनडे इतिहास में किसी भी टीम द्वारा पांच ओवर में दूसरा सबसे कम स्कोर है। इससे पहले इंग्लैंड ने द ओवल मैदान पर 2001 में पांच ओवरों में एक विकेट पर एक रन बनाया था। 10 ओवर तक आते-आते भारत ने अपने तीन विकेट खो दिए थे और स्कोरबोर्ड पर 11 रन था। यह भारत का 2001 के बाद पहले 10 ओवर में सबसे कम स्कोर है।
भारत का विकेट गिरने का सिलसिला रुका नहीं और उसने 16 रनों पर ही अपने पांच विकेट खो दिए। यह वनडे इतिहास में पहली बार है जब किसी टीम ने 16 रनों पर पांच विकेट खो दिए हों। इससे पहले भी भारत ने 17 रनों पर पांच विकेट 1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ खोए थे।
