रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने राम मंदिर की जमीन के मामले में हुए कथित घोटाले पर ट्विटर के जरिए सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने सरकार पर इस घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि गंगा किनारे से रामनामी कफ़न तो अयोध्या से रामनामी चंदा ही लूट लिया, पापियों ने।
दरअसल अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने के मामले में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। आरोप ये हैं कि ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदी और ये खरीदारी हुई महज 10 मिनट में, इसे यूं समझिए कि जो जमीन 10 मिनट पहले 2 करोड़ की थी, वो 10 मिनट बाद 18 करोड़ की हो गई।
यह मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन आने लगे। इसी पर पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि गंगा किनारे से रामनामी कफ़न तो अयोध्या से रामनामी चंदा ही लूट लिया, पापियों ने। उन्होंने आगे यह भी लिखा कि ट्रस्ट ने ट्रस्ट खोया, लाखों रामभक्तों का।
गंगा किनारे से रामनामी कफ़न तो अयोध्या से रामनामी चंदा ही लूट लिया, पापियों ने l#RamMandirScam
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 13, 2021
उन्होंने इस कथित घोटाले में जांच की मांग करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रभु श्रीराम के नाम पर करोड़ों का घोटाला चिंताजनक है, राम समाज के निम्नतम स्तर पर खड़े व्यक्ति के पालनहार का नाम है। न्यास के एक ट्रस्टी DM अयोध्या व दो अन्य IAS हैं, ट्रस्ट के महासचिव से वित्तीय अधिकार सीज कर सभी वित्तीय अधिकार संयुक्त रूप से दो ज़िम्मेदार लोगों को मिले।
सूर्य प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि राम जन्मभूमि को मिला 1-1 रुपया रामभक्तों का है, राम के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा का प्रतीक है। मेरा केंद्र सरकार को परामर्श है कि इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कर न्यास से सम्बंधित सभी वित्तीय अधिकार सिस्टम से जुड़े ज़िम्मेदार लोगों को मिले जिनकी रामभक्तों के प्रति पूरी जवाबदेही हो।
पूर्व IAS के इसी ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि, ‘कमांडो से भी खतरनाक ट्रेनिंग होती है अंधभक्तों की। बेरोज़गारी सह लेंगे। दाने-दाने को तरस जायेंगे। मंहगाई से बर्बाद हो जाएंगे लेकिन सच नहीं स्वीकारेंगे।’ एक अन्य यूजर ने ट्रस्ट पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिनके हाथों में है ट्रस्ट, वो है सबसे ज्यादा भ्रष्ट।
एक यूजर ने लिखा कि पहले राम नाम सियासत करके सत्ता में आए फिर गंगा के तट पर शवों से रामनामी चादर उतार दी। अब उन्हीं राम के मंदिर के नाम पर जनता से लिए गए पैसों से करोड़ों का घोटाला किया जा रहा है।