इतिहासकार ऑड्रे टुश्के ने दावा किया है कि सीता जी ने भगवान राम से स्त्री विरोधी और गंवार कहा था। यह दावा इतिहासकार ने अपने ट्वीट्स के जरिए किया है। ऑड्रे टुश्के ने लिखा, “एक ऐसा भी समय था जब दशरथ के बेटे ने सीता से आलोचना झेली थी। आपको सुनना चाहिए कि सीता ने अग्निपरीक्षा के दौरान राम से क्या कहा था और लक्ष्मण पर लगाए उनके आरोप, जब वे सुनहरे हिरण वाली घटना के दौरान राम के बाद जाने से हिचकिचा रहे थे।”

इसके बाद अपने अन्य ट्वीट में ऑड्रे ने लिखा, “उनके लिए जो कि इस एपिसोड से अपरीचित हैं, वाल्मिकी के अनुसार, अग्निपरीक्षा के दौरान, सीता ने राम से कहा वे स्त्री विरोधी और गंवार हैं। सुनहरे हिरण की घटना के समय सीता ने लक्ष्मण पर भी लालसा का आरोप लगाया था।” इतिहासकार ऑड्रे टुश्के के इस दावा पर ट्विटर यूजर काफी भड़क गए हैं और ऑड्रे को जमकर लताड़ लगा रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा, “सीता माता ने श्री राम से कुछ भी कहा हो, उन्होंने इस तरह के शब्दों का कतई भी इस्तेमाल नहीं किया होगा और यह सब तुम्हारें बनाए हुए शब्द हैं। अगर आपने वास्तव में वाल्मिकी रामायण को पढ़ा था तो उन सभी लोगों के लिए जो आपके ट्वीट्स पढ़ रहे हैं, मैं यहां वाल्मिकी स्तोत्र प्रस्तुत करता हूं जो सीता ने राम से कही थी।”

एक ने लिखा, “आपके संस्कृत प्रमाण पत्र क्या है? ओह सही…. आपके पास तो है ही नहीं.. हैशटैग फेक स्कोलर।” एक ने लिखा, “सीता मां तुम्हारी तरह दो रुपए की इंसान नहीं थीं, जो कि वही बोलती जो उनका आका बोलने को कहता। उन्होंने श्री राम के साथ वन में जाने का फैसला किया था। लक्ष्मण को वह वादा तोड़ने, झोपड़ी छोड़ने और श्री राम की मदद करने के लिए उत्तेजित कर रही थीं।” आपको बता दें कि इतिहासकार ने यह दावा उन खबरों के बाद किया था जिनमें कठुआ और उन्नाव जैसे गेंगरेप मामलों के बाद हिंदू विरोधी लोगों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करते हुए श्री राम और सीता मां की आपत्तिजनक तस्वीर वायरल कर दी थी।