जीपीएस की मदद से हम मुश्किल रास्तों को भी बिना भटके तय कर लेते हैं। जीपीएस से रास्ता भटकने और ट्रैफिक से बचने में मदद मिलती है लेकिन अगर ये जीपीएस ही आपको धोखा दे जाए तो? केरल में जीपीएस के गलत नेविगेशन से दो लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद से जीपीएस को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं।
मामला केरल का है, जहां भारी बारिश और अंधेरी रात में अपरचित सड़क पर चलते वक्त डॉ. अद्वैत ने जीपीएस चालू कर लिया। होंडा सिविक कार से चल रहे डॉ जीपीएस द्वारा बताये रास्ते पर चल रहे थे लेकिन तभी उनकी कार पानी में चली गई। दरअसल जीपीएस जिसे सड़क बता रहा था, वास्तव में वहां एक नदी थी और इससे अंजान डॉ. अद्वैत कार समेत नदी में चले गए।
डॉक्टर और उसके दोस्त की हुई मौत
नदी में कार गिरने के बाद वह डूबने लगी। जिसमें 29 साल के डॉ. अद्वैत और उनके सहयोगी डॉ. अजमल आसिफ (29) की मृत्यु हो गई। तीन अन्य लोग खुद को बाहर निकालने में कामयाब रहे और उनकी जान बच गई। जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार 1 अक्टूबर दोपहर 12:30 बजे केरल के एर्नाकुलम जिले के गोथुरुथ इलाके में हुई। डॉ. अद्वैत का 30 सितंबर को जन्मदिन था और वह अपने दोस्तों के साथ कोच्चि से कोडुंगल्लूर गए थे।
डॉ. अद्वैत के साथ कार में सवार डॉ. गाज़िक थाबसीर ने बताया कि दुर्घटना जीपीएस द्वारा रास्ता बदलने के बाद हुई। हम जीपीएस का उपयोग कर रहे थे। हालांकि, मैं गाड़ी नहीं चला रहा था, इसलिए मैं पुष्टि नहीं कर सकता कि यह एप्लिकेशन की तकनीकी खराबी थी या मानवीय त्रुटि से। अब इस घटना के बाद टेक्नोलॉजी पर आंख मूंदकर भरोसा करने पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं।
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
अंकित ने लिखा, ‘टेक्नोलॉजी पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए।’ एक ने लिखा, ‘जीपीएस कंपनी पर मुकदमा कर भारी जुर्माना और मुआवजे की मांग की जानी चाहिए।’ एक अन्य ने लिखा, ‘मतलब नदी में कार उतारने से पहले थोड़ा सा तो दिमाग का इस्तेमाल कर लेते, जीपीएस के भरोसे रहोगे तो दीवार में भी सर मारोगे।’ एक अन्य ने लिखा, ‘तकनीक पर हमें आंख बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए।’