Sambhal News in Hindi: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए विवाद के बाद जमकर राजनीति हो रही है। संभल में ग्राउंड पर हालात क्या हैं। इसको लेकर लोग सोशल मीडिया और गूगल पर वहां की खबरें व वीडियो तलाश रहे हैं। अब इस मसले पर आजाद समाज पार्टी कांशीराम के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर ने टिप्पणी की है।

उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जब तक वहां जाने की इजाजत नहीं मिलती, तब तक वहां जमीन पर क्या चल रहा है, इस पर कुछ भी कहना मात्र अपने विचार हो सकते हैं। वहां के लोगों के हालात कैसे हैं, कितने लोग घायल हैं, कितने लोग कस्टडी में हैं, कितने निर्दोष हैं, पुलिस क्या एक्शन ले रही है, इस पर कुछ भी टिप्पणी करना तब तक सही नहीं होगा, जब तक हमें वहां जाने की इजाजत नहीं मिलती है।

चंद्रशेखर ने कहा कि जब हमें वहां जाने की इजाजत मिलेगी, तभी हम कुछ बता पाएंगे कि वहां  क्या हालात हैं। हम लगातार डिमांड कर रहे हैं कि हमें संभल जाने की इजाजत दी जाए ताकि हम वहां के हालात देख सकें और इस बारे में बात कर सकें। वहां इंटरनेट काम नहीं कर रहा है, इसलिए हम लोगों से कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं।

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‘शांति बहाल करना प्राथमिकता होनी चाहिए’

भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि वहां शांति बहाल करना प्राथमिकता होनी चाहिए। कार्रवाई के लिए एफआईआर बहुत जरूरी है। अगर पहले से कोई योजना नहीं होती तो ऐसा नहीं हो सकता था। घटना की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच होनी चाहिए।

संभल में हालातों को लेकर बुधवार को जब मीडिया ने मुरादाबाद रेंज के DIG मुनिराज से बात की तो उन्होंने कहा कि संभल में पिछले 24 घंटों में बहुत अच्छा माहौल रहा है। स्कूल भी खुल गए हैं। पुलिस निर्दोष लोगों के खिलाफ कुछ नहीं करेगी। वीडियो और फोटो के आधार पर दोषियों की पहचान की जा रही है।

क्या तुर्क – पठान बिरादरियों की प्रतिद्वंदिता के कारण हुई हिंसा?

संभल में हुई हिंसा में अब तुर्क और पठान समुदायों के बीच कथित प्रतिद्वंद्विता का एक नया पहलू सामने आने के दावे किए जा रहे हैं। योगी सरकार में मंत्री नितिन अग्रवाल ने हिंसा के लिए मुस्लिम समुदाय की इन दो बिरादरियों के बीच ‘वर्चस्व की राजनीति’ को जिम्मेदार ठहराकर एक नई बहस छेड़ दी है।

नितिन अग्रवाल ने सोमवार को X पर ‘सपा प्रायोजित हिंसा’ हैशटैग से की गई पोस्ट में कहा, ”संभल की आगजनी और हिंसा वर्चस्व की राजनीति का नतीजा है। तुर्क-पठान विवाद ने न केवल शांति भंग की, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिये। यूपी पुलिस की तत्परता सराहनीय है।”

अग्रवाल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में अपने दावे को दोहराते हुए कहा कि हिंसा ‘पूर्व नियोजित’ थी और यह तुर्क समुदाय से आने वाले संभल के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और पठान बिरादरी का प्रतिनिधित्व करने वाले संभल सदर सीट से विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल के नेतृत्व वाले समूहों के बीच प्रतिद्वंद्विता के कारण पैदा हुई थी।

इससे पहले संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने भी सोमवार को मीडिया से बातचीत में दो गुटों के बीच प्रतिद्वंद्विता की तरफ इशारा किया था। उन्होंने कहा था, ”भीड़ ने अपने ही लोगों पर पथराव किया और गोलियां चलायीं। इससे लगता है कि उनमें आपस में भी कुछ रहा होगा।”

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