कोलकाता के बाजी बाजार में इस बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम वाले पटाखों की धूम है। व्यापारियों ने बताया कि दिवाली और काली पूजा को देखते हुए इस बार हेलीकॉप्टर, ड्रोन और गोले के आकार वाले पटाखे बाजार में खूब छाए हुए हैं। दक्षिण भारत के शिवकाशी और पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के चंपाहाटी एवं नुंगी के पटाखा निर्माताओं ने रणनीतिक नामकरण और सैन्य डिजाइन वाले खास पटाखे बनाए हैं, जो आतिशबाजी के बाद आसमान में अलग ही समा बांध देंगे।
ताला पार्क में ‘नॉर्थ डिविजन बाजी बाजार’ के अध्यक्ष मिलन दत्ता ने ‘भाषा’ को बताया, “हेलीकॉप्टर और ड्रोन के आकार के पटाखे, मिसाइल जैसे गोले, राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों को अपने पंखों में उकेरे ‘मोर’ इस साल के नए आविष्कार हैं और हर ग्राहक पारंपरिक वस्तुओं जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट आदि के साथ-साथ इन उत्पादों को खरीदने में भी काफी रुचि दिखा रहा है।”
मिलन दत्ता की बातों से सहमति जताते हुए पटाखा निर्माताओं की शीर्ष संस्था पश्चिम बंगो आतिशबाजी उन्नयन समिति के सचिव बाबला रॉय ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के थीम वाले पटाखों की मांग जोरों पर है।
पहलगाम आतंकी हमले में 26 की मौत हुई थी
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के भीतर आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए थे। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
मिलन दत्ता ने दावा किया कि सभी पटाखे राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) के मानकों का पालन करते हैं। उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर से जब ‘बाजी बाजार’ खुला तो उनके पटाखे के स्टॉल पर हर दिन 40,000 से 50,000 रुपये की बिक्री हुई। उनके स्टॉल पर लगभग 250 प्रकार के पटाखे उपलब्ध हैं, जिनकी कीमतें 200 रुपये से 3,000 रुपये तक हैं। (भाषा)