यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। भारत के कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए भारत सरकार ने चार केंद्रीय मंत्रियों को ऑपरेशन गंगा में लगाया हुआ है। छात्रों की वापसी लगातार जारी है लेकिन भारत में अब इस बात पर चर्चा हो रही है कि आखिरकार सरकार ने समय रहते बच्चों को वहां से निकालने के लिए कोई एक्शन क्यों नहीं लिया? विपक्ष सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहा है।

“इससे ज्यादा कोई क्या कर सकता है?”: टाइम्स नाउ चैनल पर चर्चा के दौरान जब कांग्रेस नेता अजय वर्मा ने कहा कि ‘सबको अनुमान था कि यूक्रेन में स्थिति भयावह हो सकती है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री को अनुमान नहीं था।” इस पर Maj Gen (रि.) जीडी बख्शी ने जवाब देते हुए कहा कि “हमले के आठ दिन पहले भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर कहा था कि यूक्रेन छोड़ दें। अब बताइये, इससे ज्यादा कोई और क्या सकता है? अब किसी को अरेस्ट करके तो नहीं ला सकते थे।”

भड़क गए जीडी बख्शी: रक्षा विशेषज्ञ Maj Gen (रि.) जीडी बख्शी ने कहा कि “शुरुआत में इस युद्ध को लेकर पूरी दुनिया असमंजस में थी। अमेरिका भी जो तारीख युद्ध की बता रहा था वो भी गलत साबित हो रहा था। अमेरिका का कहना था कि 16 फरवरी को युद्ध शुरू हो जाएगा लेकिन युद्ध 24 फरवरी को हुआ।” इसी दौरान बीच में कांग्रेस प्रवक्ता ने टोकने की कोशिश की तो जीडी बख्शी भड़क गये।

“37 साल तक झक मराई है, सुन लीजिए”: जीडी बख्शी ने कांग्रेस प्रवक्ता अजय वर्मा से (तंज कसते हुए) कहा कि “अरे साहब! थोड़ी मेरी भी सुन लीजिए 37 साल झक मराई है मैंने फौज में। देखिए हमारे पास जो भी जानकारी थी, उसके आधार पर आठ दिन पहले ही बता दिया गया कि यूक्रेन छोड़ दीजिये। सरकार के एडवाइजरी को कई बच्चों ने हलके में लिया और कहा कि रूस हमला नहीं करेगा, ये तो बस गीदड़ भभकी है। ऐसा इसलिए हो रहा था क्योंकि यूक्रेन के नागरिक, भारतीय छात्रों को ऐसा ही बता रहे थे।”

बता दें कि चार केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह यूक्रेन से सटे देशों में रेस्क्यू ऑपरेशन की देखरेख कर रहे हैं। यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की मौत हो चुकी है जबकि एक छात्र को गोली लगने की जानकारी सामने आ रही है। मृतक छात्र कर्नाटक का रहने वाला है जिसका नाम नवीन बताया गया है।