टीम इंडिया के गौतम गंभीर का देशप्रेम फिर झलका है। देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीरों को उन्होंने सलाम किया है। बुधवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर इसी बाबत एक फोटो पोस्ट किया,। शहीद के परिजन इसमें उसके पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ा रहे होते हैं। गंभीर ने कहा कि देश के लिए शहीद हुए जवानों के कफन पर रखे यह फूल नहीं हैं। वह असल में देश की छाती पर ऋण के समान है। क्रिकेटर के इस पोस्ट पर लोगों ने भी सेना की तारीफ किया और शहीदों को नमन किया। आपको बता दें कि 23 दिसंबर को भारत-पाकिस्तान की सीमा पर पड़ोसी मुल्क ने कायराना हरकत की थी। पाक ने जम्मू-कश्मीर के केरी में अंधाधुंध गोलीबारी की। सीजफायर उल्लंघन की इस घटना में देश के एक मेजर समेत चार जवान शहीद हुए थे। शहीद जवान 120 इंफैंट्री ब्रिगेड के थे। हालांकि, भारतीय सेना के विशेष दस्ते ने 25 दिसंबर को सीमा पार कर के साथियों की शहादत का बदला लिया। सेना के विशेष दस्ते से ताल्लुक रखने वाले 10 जवान सोमवार रात पुंछ सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल पार करके गए और तीन पाकिस्तानी जवानों को मौत के घाट उतार दिया।
किस को पहले नमन करूँ, एक ने अपने ख़ून से और एक ने अपने सिंधूर से तिरंगे में रंग भरे हैं। याद रखना कफ़न पर रखे यह फूल नहीं, बल्कि भारत की छाती पर रखा एक ऋण है। @adgpi pic.twitter.com/Jw9UZ5HdGV
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) December 27, 2017
गौती ने इसी मसले पर बुधवार को भारतीय सेना को टैग करते हुए ट्वीट किया। लिखा, “किस को पहले नमन करूं। एक ने अपने खून से और एक ने अपने सिंदूर से तिरंगे में रंग भरे हैं। याद रखना कफन पर रखे यह फूल नहीं, बल्कि भारत की छाती पर रखा एक ऋण है।” ट्वीट के साथ एक फोटो भी पोस्ट किया गया था, जिसमें शहीद का पार्थिव शरीर रखा था। परिजन उसके कफन पर फूल-माला चढ़ा रहे थे और अंतिम विदाई दे रहे थे। टि्वटर यूजर्स ने उनके इसी ट्वीट पर भारतीय सेना की सराहना की और शहीदों को सलाम किया।
पाकिस्तानी गोलीबारी में महाराष्ट्र में भंडारा निवासी मेजर मोहरकर प्रफुल्ला (32), पंजाब में अमृतसर के रहने वाले लांस नायक गुरमैल सिंह (34) और हरियाणा के करनाल निवासी सिपाही प्रगाढ़ सिंह (30) शहीद हुए थे। भारतीय सेना के विशेष दस्ते ने इसके बाद पाक को मुंहतोड़ जवाब दिया और सीमा पार करके साथियों की शहादत का बदला लिया। सूत्रों के हवाले से एक समाचार चैनल ने बताया कि इस ऑपरेशन का मकसद दुश्मन को साफ संदेश देना था। संदेश यह कि अगर पाकिस्तानी सैनिक हमारे जवानों को निशाना बनाएंगे तो भारत भी चुप नहीं बैठेगा।