दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। कई बड़े चेहरो के बाद अब गौतम गंभीर ने इस मामले में ट्वीट करके कहा है कि हर किसी को अपनी बात कहने का हक है और मिलकर उसका मजाक उड़ाना घिनौना है। बता दें इस मामले में वीरेंद्र सहवाग, ओलंपिक चैंपियन योगेश्वर दत्त, रणदीप हुड्डा और फोगाट बहनें भी इस मामले में डीयू स्टूडेंट गुरमेहर कौर के पोस्ट की आलोचना कर चुके हैं। यह विवाद गुरमेहर कौर के एक पोस्ट के बाद शुरु हुआ जिसमें कौर ने लिखा था कि ‘पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा बल्कि युद्ध ने मारा’। इस पर सहवाग ने इस तस्वीर की ट्वीट की जिसमें उन्होंने एक तख्ती पकड़ रखी है जिसपर लिखा था, ‘मैंने दो तिहरे शतक नहीं बनाए, मेरे बल्ले ने बनाए।’
क्रिकेटर गौतम गंभीर ने अपने ट्वीट में एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें कहा गया है कि, ‘इंडियन आर्मी के लिए मेरे मन में बहुत ज्यादा सम्मान है। देश के लिए उनकी सेवा अतुलनीय है। हाल की घटनाओं से मुझे निराशा हुई है। हम एक आजाद देश में रहते हैं, जहां हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। अगर कोई लड़की, जिसने अपने पिता को खोया हो, शांति कायम होने की अपील करते हुए कोई पोस्ट करती है तो इसका अधिकार है। यह दूसरे लोगों के लिए यह दिखाने का मौका नहीं बनना चाहिए कि वे कितने देशभक्त हैं या उन्हें मिलकर उसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। हर आम नागरिक की तरह उसे अपनी राय रखने का अधिकार है। शायद हर कोई इस बात से सहमत ना हो, लेकिन उसका मजाक उड़ाना घिनौना है।’
The freedom of expression is absolute and equal for all!
High time we learnt that and practised it daily in every sphere of life. pic.twitter.com/iMfIanQyh1— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) March 1, 2017
ओलंपिक चैंपियन योगेश्वर दत्त ने केआरके के जवाब में एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि, ”लो भाई इन्होंने तो हमारी क़ीमत भी लगा दी. कल तक “Hardly literate” तो थे ही आज “दो कौड़ी” के हो गए । कितना होता है दो कौड़ी? मैंने देखा नहीं।”
लो भाई इन्होंने तो हमारी क़ीमत भी लगा दी. कल तक "Hardly literate" तो थे ही आज "दो कौड़ी" के हो गए । कितना होता है दो कौड़ी? मैंने देखा नहीं pic.twitter.com/mYDmYh6JrD
— Yogeshwar Dutt (मोदी का परिवार) (@DuttYogi) March 1, 2017
मामला बढ़ता देख सहवाग ने इस मामले पर अपनी सफाई देते हुए ट्वीट किए हैं। सहवाग ने लिखा कि,” उनका ट्वीट मजाकिया था। उसका मकसद किसी को उसकी राय रखने के लिए धमकाना नहीं था।
My tweet was an attempt to be facetious rather than one to bully anyone over their opinion. Agreement or disagreement wasn't even a factor.
— Virender Sehwag (@virendersehwag) March 1, 2017
लो भाई इन्होंने तो हमारी क़ीमत भी लगा दी. कल तक "Hardly literate" तो थे ही आज "दो कौड़ी" के हो गए । कितना होता है दो कौड़ी? मैंने देखा नहीं pic.twitter.com/mYDmYh6JrD
— Yogeshwar Dutt (मोदी का परिवार) (@DuttYogi) March 1, 2017

