पिता-बेटे का रिश्ता कुछ ऐसा होता है कि वे भले ही खुलकर एक-दूसरे से कुछ ना कहें मगर मन के भीतर प्रेम छिपा होता है। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले से पिता-पुत्र के एक सात मौत की ऐसी कहानी सामने आई है कि जानकर किसी का भी मन भारी हो सकती है।

पिता ऐसे होते हैं कि जब बेटे के बारे में जानना होता है तो वे उसकी मां को अपना सहारा बनाते हैं और बेटा भी मां के लिए अपनी बात पिता तक पहुंचाता है। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे होते हैं, कई बार तो फोन मां लगती हैं और दूसरे साइड से मुख्य श्रोता पिता ही होते हैं।

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लोग कहते हैं कि पिता रोते नहीं है, रोएंगे भी कैसे उन्हें दुनियां ने मजबूत की संज्ञा जो दे दी है। पिता अपने सीने में दर्द छिपाए, चेहरे पर हंसी लिए रहते हैं ताकि उनके परिवार, खासकर उनके बच्चों तक कोई आंच न आए। वे खुद अपने लिए भले कुछ न करें मगर बच्चों की ख्वाहिशें पूरी करने के लिए जान लगा देते हैं।

पिता की कहानी इसलिए क्योंकि ल को दुखाने वाली घटना के बारे में जानकर लोग स्तब्ध रह जा रहा है। रामबन जिले में एक पिता अपने बीमार बेटे का इलाज करान के लिए अस्पताल लेकर जा रहे थे कि रास्ते में ही उसकी तबीयत और खराब हो गई औऱ उसकी मौत हो गई। वे अपने बेटे क उठाने की कोशिश करते रहे मगर वह नहीं जगा। उन्हें इस बात का गहरा सदमा लगा औऱ फिर उन्हें हार्ट अटैक आ गया। थोड़ी देर बाद ही उनकी भी मौत हो गई।

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पिता का नाम शबीर अहमद गनाई है, वे 25 साल के थे वहीं बेटा साहिल अहमद 14 साल का था। इसके बाद दोनों के शव को बनिहाल के उप-जिला अस्पताल ले जाया गया। घटना के बारे में जानने वालों लोगों की आंखें भर आईं। लोगों ने कहा कि वे अपने बेटे से बेहद प्यार करते थे और किसी भी हाल में उसे बचाना चाहते थे। पिता-पुत्र की मौत से परिवार के लोग सदमे में हैं।