कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते हैं। उन्होंने हाल में ही अपने एक कार्यक्रम के दौरान पूछा कि अल्पसंख्यकों की तरह हिंदू 5-6 बच्चे क्यों नहीं पैदा कर सकते हैं? देवकीनंदन ठाकुर के इस बयान पर कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने तंज कसा। वहीं, आम सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी कई तरह के रिएक्शन दिए।
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कही यह बात
समाचार पत्र ‘दैनिक भास्कर’ के मुताबिक कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं आ जाता है, तब तक हिन्दुओं को बाचे पैदा करते रहना चाहिए। इसके साथ उन्होंने यह भी सवाल किया कि अगर जब दूसरे अल्पसंख्यक 40-40 बच्चे पैदा कर रहे हैं, तो हिंदू 5-6 बच्चे पैदा क्यों नहीं कर सकते?
अलका लांबा ने कसा तंज
कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के बयान पर तंज कसते हुए लिखा,’नहीं नहीं, अल्पसंख्यक होकर वो 40-40 बच्चे पैदा कर रहे हैं तो बहुसंख्यकों को तो कम से कम 50-50 बच्चे पैदा करने का ज्ञान दें, उन्हें कम ना समझे। ऐसे घटिया किस्म के बाबाओं के लिए “महिला मात्र एक मशीन” भर है? जनसंख्या बढ़ाओ, बाबाओं की दुकान चलाओ।’
सोशल मीडिया यूज़र्स ने दिए ऐसे रिएक्शन
@Ashok_Kashmir नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,’जैन, सिख, ईसाई और मुस्लिम बंधुओं को इसके खिलाफ़ थोक में केस दर्ज कराने चाहिए और कहना चाहिए कि सिद्ध करो किस अल्पसंख्यक समुदाय में चालीस बच्चों का औसत है।’ @preetikhatri22 नाम के एक यूजर लिखते हैं कि यह जनता को पागल समझते हैं क्योंकि इन्होंने उनको धर्म नाम की सस्ती अफीम चटा रखी है। @Shreenathchaud5 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- ऐसे लोगों को इग्नोर करना बेहतर है। जानबूझकर मूर्खतापूर्ण बकवास करते हैं, ताकि चर्चा में बने रहें, इनका एकमात्र उद्देश्य बातों में उलझाकर धन कमाना है।
@BHARAT_JEEVI नाम के एक यूजर लिखते हैं कि हिंदुओं का एक बच्चा तो सरकारी नौकरी या रोज़गार के लिए दर-दर भटक रहा है, अगर 5-6 या 10 पैदा कर लिए तो वे सिर्फ सड़क पर भीख मांगेंगे या इनके लिए दंगों में काम आएंगे। @Mahavee70228693 नाम के एक यूजर ने लिखा- धर्म के स्वघोषित कथावाचकों को चाहिए कि वे बेहूदा उपदेश देना बंद करे क्योंकि इससे देश का भला होना सम्भव नहीं। दुकानदारी अच्छे उपदेश देकर भी चलाई जा सकती है। @JstAnthrMan नाम के एक यूजर द्वारा कमेंट किया गया,’पहले राजनीति में धर्म मिक्स होता था, अब धर्म में भी राजनीति होने लगी।’
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी देवकीनंदन ठाकुर इस तरह के बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था,’कुछ लोगों को खुला सांड की तरह छोड़ दिया गया है और हमें सिर्फ दो बच्चों तक सीमित कर दिया गया है। देश में जब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून ना बन जाए, तब तक हर हिंदू अपनी गोद में पांच-पांच बच्चे खिलाएं।