ऐसा कम ही होता है, जब कांग्रेस नेता शशि थरूर किसी तरह की गलती करते हैं, खासकर स्पेलिंग मिस्टेक, लेकिन जब ऐसा होता है तो वह मामला सोशल मीडिया पर पूरी तरह छा जाता है। 2 दिन पहले 15 मार्च को ऐसा ही हुआ, जब थरूर ने अहमदाबाद की स्पेलिंग गलत लिख दी और उसे उत्तर भारतीय राज्य बता दिया। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे।
शशि थरूर ने लिखा, “उत्तर भारतीयों की दक्षिणी भाषाओं की अनदेखी का परिणाम! अहमदाबाद के प्रसिद्ध रेस्टूरेंट चेन ने हाल ही में अपना आउटलेट कोच्ची में खोला है। लेकिन यह होटल ग्राहकों के लिए काफी संघर्ष कर रहा है। यदि वे एक मलयालम भाषी से पूछेंगे, तब वे समझ सकेंगे कि ऐसा क्यों है!”
हालांकि, ट्वीट करते वक्त शशि थरूर ने अहमदाबाद की स्पेलिंग गलत लिख दी। उन्होंने Ahmedabad कह जगह Ahmadabad लिखा। अर्थात e की जगह a लिख दिया। साथ ही अहमदाबाद को उत्तर भारतीय राज्य बता दिया। इसके बाद यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे। पंकज बेनगानी ने लिखा, “शशि, हालांकि यह ट्वीट मजेदार है, लेकिन दो बातें हैं। पहली ये कि गुजरात पश्चिम भारत का राज्य है। लेकिन आप इस तरह से पहचान बताना क्यों पसंद करते हैं? यदि आप ऐसा करते हैं तो भारत के चारों हिस्से को करें। दूसरी बात ये है कि हमारे यहां 100 से ज्यादा भाषाएं है। क्या हम सभी को सीख सकते हैं? मलयालम जानने वाले कितने लोग हिंदी और गुजारती जानते हैं? क्या यह अज्ञानता नहीं है?”
The hilarious consequences of most North Indians’ ignorance of Southern languages! Popular restaurant chain in Ahmadabad recently opened its outlet in Kochi. But the hotel is struggling to find patrons. If they asked a Malayalam-speaker, they would understand why! pic.twitter.com/tsTMasui3l
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) 15 March 2019
नवीन बग्गा ने लिखा, “सबसे पहली बात कि यह अहमदाबाद है। दूसरी बात ये कि गुजरात के एक शहर अहमदाबाद को उत्तर भारत का हिस्सा कहना उसी तरह है जैसे सभी दक्षिण भारतीय को ‘मद्रासी’। मुझे आपसे बेहतर चीजों की उम्मीद रहती है।”
थरूर ने अहमदाबाद की एक होटल श्रृंखला का टि्वटर पर मजाक उड़ाया था। संयोगवश इस होटल का नाम अप्पिटो है। होटल ने हाल ही में केरल में अपनी नई दुकान खोली है। मलयालम भाषा में होटल के नाम का मतलब, “क्या आपने शौच किया?” होता है। इसके बाद थरूर ने होटल की तस्वीर अपने टि्वटर अकाउंट पर शेयर की और कहा कि दुकानवाले ग्राहक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दुकान वाले जब किसी मलयालयी से बात कर लेंगे, तब उन्हें इसके पीछे की वजह समझ में आ जाएगी।