Viral News: एक 50 साल चीनी महिला की कहानी ने इंटरनेट पर कई लोगों को प्रेरित कर दिया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट के अनुसार अनुसार, यांग नाम की इस महिला को अपने बेटे की परीक्षा की किताबों से पढ़ाई करके लॉ स्कूल में दाखिला ले लिया। यांग ने अपने बेटे के लॉ स्कूल की एंट्रेंस एग्जाम में फेल होने के बाद परीक्षा की तैयारी के लिए उसके स्टडी मेटेरियल का इस्तेमाल किया था।
केमिकल साइंस के किया था ग्रजुएशन
शुरुआती असफलताओं के बावजूद, पूर्वी चीन के शांदोंग प्रांत के जिनिंग की रहने वाली इस महिला ने कोशिश जारी रखा और आखिरकार युन्नान प्रांत के कुनमिंग स्थित साउथवेस्ट फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी के पोस्ट ग्रैजुएट लॉ स्कूल में एडमिशन ले लिया। इस महिला ने 1990 के दशक में शंघाई के प्रतिष्ठित तोंगजी यूनिवर्सिटी से केमिकल साइंस में ग्रजुएशन की डिग्री हासिल की थी।
रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में, यह महिला आग में बुरी तरह जल गई थी, जिससे उसके चेहरे और हाथों पर गंभीर चोटें आईं। उसका बायां हाथ पूरी तरह से काम नहीं कर रहा था, जबकि दायां हाथ आधा काम कर रहा था। गहरे जख्मों के कारण वह पब्लिक में मास्क पहनती थी। हादसे के बाद वह डिप्रेशन में थीं और आखिरकार उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी व कई साल पहले पेंशन लेना शुरू कर दिया।
सोशल मीडिया पोस्ट में शेयर की जानकारी
रिपोर्ट के अनुसार, यांग ने सोशल मीडिया पर लिखा, “एक बार मेरा एक्सीडेंट हो गया और मैं विकलांग हो गई। मेरी नौकरी चली गई। मैं डिप्रेस्ड हो गई। अब मैं 50 साल की हूं और लॉ में मास्टर डिग्री के अपने सपने को पूरा करने के लिए एक नया सफर शुरू करूंगी।” उन्होंने कहा, “मेरे बाएं हाथ ने काम करना बंद कर दिया, जबकि सौभाग्य से, मेरे दाएं हाथ का आधा हिस्सा अभी भी काम कर रहा था, जिससे मैं पढ़ाई कर पा रही थी।”
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महिला ने बताया कि उसने दो साल पहले एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने का फैसला किया था जब उसका बेटा इसी परीक्षा में फेल हो गया था।उन्होंने कहा, “परीक्षा खत्म होने के बाद मैं उसकी स्टडी मेटेरियल को छांटने में उसकी मदद कर रही थी। मैंने सोचा कि अगर हम ये किताबें इतने कम पैसों में बेचेंगे तो कितना बुरा होगा। जब मैंने कुछ पन्ने पलटे, तो मुझे एहसास हुआ कि उनकी कंटेंट मेरे लिए मुश्किल नहीं थी। इसलिए मैंने अपने बेटे द्वारा छोड़ी गई किताबों का इस्तेमाल करके परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।”
उन्होंने बताया कि उनके लिए सबसे कठिन विषय अंग्रेजी था। “परीक्षा काफी चुनौतीपूर्ण थी। मेरे पति और बेटे के सहयोग और साथ की बदौलत, मैं इसमें कामयाब रही।”