बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट परीक्षा में देशभर में टॉप रैंक हासिल करने वाले नबील अहमद वानी ने एक लड़की को छेड़खानी से बचाया है। उन्होंने बस में छेड़खानी की शिकार हो रही लड़की को बचाया और बदमाश को सबक सिखाया। नबील ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस घटना की जानकारी दी है। नबील ने शनिवार को की गई पोस्ट के जरिए लड़कियों से कहा कि वे छेड़खानी करने वालों को चप्पल से सबक सिखाएं। उन्होंने बस में सवार बाकी लोगों के व्यवहार पर निराशा जताई। गौरतलब है कि वानी ने पिछले महीने ही बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा टॉप रैंक के साथ पास की थी। इस सफलता के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे मुलाकात की थी और बधार्इ दी थी। नबील वानी का जन्म जम्मू के उधमपुर में हुआ और उनका कश्मीर से कोई रिश्ता नहीं है। उनका कोर्इ रिश्तेदार भी वहां से नहीं है। वानी की स्कूली पढ़ाई गांव में ही हुई।
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जम्मू के उधमपुर के रहने वाले नबील अहमद वानी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ”कल में जम्मू से उधमपुर के लिए बस से सफर कर रहा था। इस दौरान 17-18 साल की एक लड़की मेरे सामने बैठी हुई थी। मैं हेडफोन पर तेज वॉल्यूम पर गाने सुन रहा था। अचानक वह लड़की उठी और अपने पास बैठे शख्स पर चिल्लाने लगी। गाने सुनने की वजह से मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया कि क्या हो रहा था। मैंने उसे मेरी सीट दी और उससे पूछा कि क्या हुआ। उसने बताया कि दो बार उसने 40-45 साल के उस व्यक्ति को छूने से मना किया लेकिन वह मिसबिहेव करता रहा। मैंने आवाज उठाई और बस रूकवार्इ। बस में बैठे लोगों ने छेड़छाड़ कर रहे उस व्यक्ति के लिए एक नहीं शब्द नहीं यह देखकर मैं हैरान रह गया। मैंने उसे व्यक्ति को थप्पड़ मारा। ड्राइवर और लड़की ने मुझे मामले को आगे न बढ़ाने को कहा। मैंने उस व्यक्ति को फोटो और वीडियो ले लिया। बस में सफर कर रहे लोगों ने मुझे शर्मिंदा किया। मैं लड़कियों से कहना चाहता हूं कि डरने की जरूरत नहीं है। छेड़खानी के खिलाफ आवाज उठाओ। उन मोलेस्टर्स को चप्पल की ताकत दिखाओ।”
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वानी मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं और उनकी परवरिश भी सामान्य रूप से ही हुई। उनके पिता सरकारी अध्यापक थे। इसके बाद पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की। उनकी छोटी बहन भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं। वानी की मां के अनुसार, ”पिता के गुजर जाने के बाद वह अवसाद में आ गया। वह कहने लगा कि मैं किसी परीक्षा में नहीं बैठूंगा क्योंकि उसका नतीजा देखने के लिए पिता ही मौजूद नहीं है। उसने इच्छा ही खो दी। लेकिन मैंने उसे समझाया। मैंने उसे कहा कि तुम्हारे अब्बू तुम्हारे कामयाबी चाहते थे। हम मिडिल क्लास परिवार हैं तो कभी बड़े सपने नहीं रखे। लेकिन मेरे बेटे ने जो हम सोच सकते थे उससे कहीं ज्यादा हासिल किया है। मुझे मेरे बेटे पर नाज है। उसने पूरे देश को गर्व से भर दिया।”