नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और सोनिया गांधी की कांग्रेस से मिलकर बना बिहार महागठबंधन बुधवार (26 जुलाई, 2017) को बिखर गया। बुधवार शाम नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सार्वजिनक तौर पर अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ रहा है। राज्यपाल को इस्तीफा देने के 16 घंटे बाद ही नीतीश ने भाजपा के साथ सरकार बना ली और छठी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। बीजेपी के साथ आए नीतीश कुमार को कभी बीजेपी के ही नेताओं से खरी-खोटी सुननी पड़ी थी।पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नीतीश के डीएनए पर सवाल उठाने पर जो विवाद उपजा था उसे शायद ही कोई भूल सकता है। वहीं  बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो ये तक कह दिया था कि नीतीश कुमार कुर्सी के लालची हैं, कुर्सी के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं।

दरअसल गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर ये करारा हमला लालू प्रसाद यादव से शहाबुद्दीन की सांठ-गांठ के मामले पर किया था। गिरिराज सिंह ने कहा था कि लालू चाहे कितनी भी गलत काम कर लें लेकिन नीतीश उनके साथ ही रहेंगे। लालू-नीतीश के गठबंधन पर केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि ये किसी हाल में नहीं टूटेगा, क्योंकि ये सत्ता के लिए गठबंधन हुआ है।

आपको बता दें कि गिरिराज सिंह बीजेपी में आने से पहले नीतीश कुमार के साथ जनता दल यूनाइटेड में ही थे। नीतीश की सरकार में गिरिराज मंत्री भी रह चुके हैं। 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान गिरिराज सिंह ने नीतीश का साथ छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर लिया था।