बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी अपने आर्थिक मंदी वाले बयान पर ट्रोल हो रहे हैं। लोग उनसे कह रहे हैं कि बनाइए जितना बेवकूफ बनाना है। कुछ यूजर्स लिख रहे हैं कि हम अर्थव्यवस्था के छात्र हैं लेकिन आपकी थ्योरी हमारी समझ से भी परे है। दरअसल सुशील मोदी ने एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि हर साल सावन-भादो में अर्थव्यवस्था में मंदी रहती ही है।

सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, ‘केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा। वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार कुछ राजनीतिक दल इस मंदी का ज्यादा शोर मचा कर चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं।’

 

सुशील मोदी का ये बयान सोशल मीडिया से होते हुए मीडिया तक की सुर्खियों में शुमार हो गया। सोशल मीडिया यूजर्स को सुशल मोदी जो कि बिहार जैसे बड़े प्रदेश के वित्त मंत्री भी हैं, उनके मुंह से ऐसी बात हजम नहीं हुई। देखते ही देखते लोग सुशील मोदी को ट्रोल करने लगे।

कुछ यूजर्स लिखने लगे कि इस तरह के बेतुके बयान के लिए सुशील मोदी को अर्थशास्त्र का नोबल प्राइज दे देना चाहिए। वहीं बहुत से यूजर्स मजे लेते हुए ये भी लिख रहे हैं कि इन्हें ही आरबीआई का गवर्नर बना दिया जाए। कुछ लोग लिखने लगे कि आप बीजेपी से हैं इसका मतलब ये नहीं कि आप जनता को बेवकूफ बनाते रहेंगे।

 

कुछ यूजर्स तो यूपी के स्वास्थ मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के उस बयान का जिक्र करते हुए भी सुशील मोदी को ट्रोल कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि अगस्त के महीने में बच्चे तो मरते ही हैं।

 

बता दें कि GDP के ताजा आंकड़ों पर कहा जा रहा है कि देश में आर्थिक मंदी आ गई है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास की दर करीब 6 साल में सबसे कम होकर 5 फीसदी पर पहुंच गई है। एक साल में ही GDP में 3 % की भारी गिरावट हुई है।