ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन स्थित क्वीन्सलैंड म्यूजियम में एक कछुए के अंडे से बाहर निकलने का अनोखा टाइमलैप्स वीडियो बनाया गया। एबीसी न्यूज ने कछुए का करीब 45 सेकेंड का टाइमलैप्स वीडियो अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है। ट्वीट में लिखा है- ”जीवन का चमत्कार: टाइमलैप्स वीडियो दिखाता है कि एक लाल-भूरे रंग का कछुआ आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में क्वीन्सलैंड म्यूजियम में अंडे को से रहा है।” विडियो एक धुंधले से फ्रेम के साथ शुरू होता है, जिसमें अंडा ऊपर की तरफ से चटकता हुआ दिखाई देता है। इसके बाद तस्वीर स्पष्ट होती जाती है। अंडा जिस जगह रखा हुआ दिखाई दे रहा है, वहां बर्फीली सतह पर छल्ले नुमा चीजें रखी हुईं भी दिखती हैं, लेकिन उनका इस अंडे से क्या संबंध है, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। अंडा संभवता कांच के एक स्टैंड में रखा दिखता है, क्योंकि कांच की दीवारों पर पानी की बूंदें दिखाई पड़ती हैं।

स्टैंड की सतह पर पड़े पानी और अंडे की सतह में होती हलचल से वहां हवा चलने का भी सकेंत मिलता है, पंखे की हवा हो सकती है। कछुआ अंडे से बाहर निकलने की जद्दोजहद करता हुआ दिखाई देता है। वह एकदम मेहनती नजर आता है, ठीक अपने ऊपर बनी उस अंग्रेजी कहावत की तरह जिसमें कहा गया है- ‘स्लो एंड स्टीडी विन्स द रेस’ (धीरे मगर निरंतर प्रयास से सफलता निश्चित मिलती है)। कछुए का यह वीडियो वाकई अद्भुत लगता हैं और इससे लाखों-करोड़ों लोगों को जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों से हार न मानने की प्रेरणा जरूर मिल सकती है।

क्या होता है टाइमलैप्स वीडियो?

टाइमलैप्स वीडियो बनाने के लिए एक ही फ्रेम में ऑब्जेक्ट की कई तस्वीरें ली जाती हैं। आब्जेक्ट में धीरे-धीरे होने वाले बदलावों की तस्वीरें को जब रफ्तार के साथ एक खास ट्रिक के साथ प्ले किया जाता है तो वह एक वीडियो की शक्ल अख्तियार कर लेता है। इसी को टाइमलैप्स वीडियो कहते हैं। इसे बनाने में कई दफा महीनों लग जाते हैं। यूरोपीय देशों में टाइमलैप्स वीडियो बनाने के लिए एक सेकेंड में 25 सिंगल तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाता है और अमेरिका में एक सेंकड में 24 से 30 सिंगल तस्वीरों के इस्तेमाल करने का मानक चलता है। क्वीन्सलैंड के म्यूजियम में भी इसी खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया और कछुए के अंडे में से निकलने का अद्भुत वीडियो सामने हैं।