माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या पर सियासी घमासान मचा हुआ है। विपक्षी दलों के नेता योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। सपा नेताओं ने कहा कि इस घटना ने बता दिया है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व सांसद उदित राज ने सोशल मीडिया पर सवाल किया।

उदित राज ने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या पर किया ऐसा सवाल

कांग्रेस नेता उदित राज ने ट्ववीट किया,’अतीक और अशरफ के ३ हत्यारे मामूली परिवार से, विभिन्न जिलों से, 6- 7 लाख की पिस्तौल, पगड़ी हटाकर आराम से मारना, तीनों पुलिस की गाड़ी से उतरे, जैश्रीराम बोलकर मारना ,पुलिस द्वारा जगह खाली कराना & हॉस्पिटल के गेट पर रुकना, एक पुलिस वाले ने हथियार नही चलाया।ये क्या कहता है?’

सोशल मीडिया यूज़र्स ने किया ट्रोल

@mishrauk50 नाम के एक यूजर ने सवाल किया,’जब राजू पाल की हत्या हुई, गांधी जी की हत्या हुई, राजीव गांधी जी की हत्या हुई तब पुलिस ने कितनी गोलियां चलाई थी?’ @brijeshsinghrc1 नाम के एक ट्विटर हैंडल से जवाब दिया गया- तीनों पुलिस की गाड़ी से उतरे। इस तरह की अफवाह फैला कर आप पुलिस को हत्या में शामिल होने का तोहमत लगा रहे है। @ManojRunthala3 नाम के एक यूजर लिखते हैं कि यह आदमी खुले आम आरोप लगा रहा है कि यूपी पुलिस अपराधियों को अपनी गाड़ी में लेकर आई थी ऐसे ही लोग दंगा भड़काने का काम करते हैं।

@AJ_Opinion नाम के एक यूजर ने ट्रोल करते हुए पूछा- इनका आपराधिक रिकॉर्ड देखने के बाद भी इतनी हमदर्दी क्यों? वोट बैंक ना? @devendragupta58 नाम के एक यूजर ने लिखा,’ये ट्ववीट आपकी दूषित मानसिकता दिखाती है। @arpitalokmishra नाम के एक ट्विटर हैंडल से जवाब दिया गया कि ये कहता है कि आप मामले की गलत जानकारी साझा कर रहे हैं। पगड़ी हटाकर आराम से गोली मारी- झूठ! तीनों पुलिस की गाड़ी से उतरे? जबकि बाइक से आने की जानकारी है। आप लिख रहे जय श्री राम बोलकर मारा जबकि मारने के बाद नारा लगाने की जानकारी है। हर तथ्य पर आपके सवाल है।

जानकारी के लिए बता दें कि 15 अप्रैल की रात उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मेडिकल चेकअप के लिए पुलिस मोती लाल नेहरू मंडलीय च‍िकित्सालय लाई थी। इस बीच तीन लड़कों ने गोली चलाकर अतीक और अशरफ की हत्या कर दी। इस मामले में सपा प्रमुख अखिकेश यादव ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि समाज में द्वेष फैलाया जा रहा है।