रामनवमी के जुलूस को लेकर दो समूहों के बीच पश्चिम बंगाल में भारी संघर्ष हुआ। भड़की हिंसा में एक व्‍यक्ति की मौत हो गई जबकि दो पुलिस अधिकारी बुरी तरह जख्‍मी हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ”आसनसोल-दुर्गापुर के पुलिस उपायुक्त अरिंदम दत्‍ता चौधरी घटना में घायल हो गए। जब प्रदर्शनकारियों द्वारा फेंके गए बम के फटने की घटना में उन्हें अपना एक हाथ गंवाना पड़ा। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।” प्रभारी अधिकारी (ओसी) प्रमित गांगुली को भी हिंसा में सिर में चोट आई। आईपीएस एसोसिएशन ने अरिंदम की फोटो पोस्‍ट कर इस घटना की निंदा की है। एसोसिएशन ने कहा है, ”पुलिस जिन कठिन हालातों का सामना करती है, उसे देख तकलीफ होती है।”

आईपीएस एसोसिएशन की पोस्‍ट पर लोगों का गुस्‍सा फूट पड़ा। यूजर्स ने इसके दोषियों को जल्‍द पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। नरेंद्र दुबे ने लिखा, ”बहुत कठिन है पुलिस की नौकरी ,जो करता है वही समझता है। सरहद पर तो दुश्मन का पता है यहाँ अपने ही वतन के अपने , हमलावर हो जाते हैं। ईश्वर DCP Arindam Dutta साहब को जल्द स्वास्थ्य लाभ दे।”

पूजा अग्रवाल ने कहा, ”पुलिस को अब पता चल रहा होगा की मानवता के दुश्मन कोन है,बहुत दुखद 56 राष्ट्र त्रस्त है तो भारत कैसे बचेगा जहाँ नेता इनके संरक्षक है।” एक अन्‍य यूजर ने कहा, ”सेना की तरह समाज में प्रशासनिक अधिकारियों को खुली आजादी दे देनी चाहिए! अपने राजनीतिक फायदे के लिए प्रशासन का इस्तेमाल करने वाले राजनेता इसके पूर्ण जिम्मेदार है।”

बता दें कि रामनवमी के जुलूस को लेकर दो समूहों के बीच संघर्ष होने के एक दिन बाद बर्द्धमान पश्चिम जिले के रानीगंज इलाके में मंगलवार (27 मार्च) को भारी पुलिस बल तैनात किया गया। जिलाधिकारी शशांक शेट्टी ने कहा कि इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल की गश्ती के साथ ही शांति हो गई है। उन्होंने कहा, ”हमें सूचना मिली है कि कल (सोमवार) की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। हिंसा के बाद यहां पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।”