दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। अपने ट्वीट्स के अलावा पार्टी वर्कर्स, पत्रकारों, मुख्‍यमंत्रियों के ट्वीट्स को रिट्वीट करते रहते हैं। गाहे-बगाहे खबरों के लिंक के साथ अपनी राय लिखकर शेयर करना उनकी पुरानी आदत है। केंद्र सरकार के 500 व 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसला का पुरजोर विरोध कर रहे केजरीवाल आलोचना का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। रविवार को उन्‍होंने एक शख्‍स के ट्वीट को शेयर किया। इस ट्वीट में बताया गया था कि ‘एक व्‍यक्ति ने बैंक में फांसी लगा ली क्‍योंकि वह तीन-चार दिन से पैसा न मिलने से परेशान था।’ केजरीवाल ने इसे शेयर करते हुए लिखा, ”मोदी जी, ये देखिए। अब तो इस देश के लोगों पे रहम कीजिए। आख़िर क्या दुश्मनी है आपकी जनता से। ग़रीब की इतनी हाय मत लीजिए।” हालांकि उन्‍हें अंंदाजा नहीं था कि खबर फर्जी है और मामला उल्‍टा पड़ जाएगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने केजरीवाल को उनकी गलती का एहसास दिलाने में देर नहीं लगाई। उन्‍होंने तुरंत असली खबर की तस्‍वीर शेयर करते हुए लिखा कि ‘सच ये है।’

केजरीवाल की इसी पोस्‍ट पर बीजेपी की आईटी सेल के मुख‍िया ने भी उनकी आलोचना की है। यूजर्स ने भी केजरीवाल के झूठी खबर शेयर करने पर आपत्ति जताई। तब विवाद बढ़ा तो ट्वीट करने वाले शख्‍स ने अपना ट्वीट ही डिलीट कर दिया है। एक यूजर ने लिखा है कि ‘सर, न्‍यूज शेयर करने से पहले वेरिफाई किया करें, सोशल मीडिया पर कुछ भी श्‍ेायर करने से बचें।’ कई यूजर्स ने झूठ फैलाने के लिए केजरीवाल पर केस दर्ज कराए जाने की भी बात कही है।

देखिए कैसे ख्‍ुाद फंस गए केजरीवाल:

https://twitter.com/ggiittiikkaa/status/800276555406647296

https://twitter.com/dhaval241086/status/800297276040040449

https://twitter.com/Gunjal_Saheb/status/800298380933021697

केजरीवाल रविवार को इससे पहले भी यूजर्स ने निशाने पर रहे। दरअसल दिल्‍ली सीएम ने ट्वीट कर नोटबंदी के मुद्दे को धर्म से जोड़कर भाजपा पर निशाना साधने की कोशिश की थी। उन्‍होंने ट्वीट किया, ”भाजपा कहती है हम हिंदुओं की पार्टी हैं। नोटबंदी में तो भाजपा ने हिंदुओं को भी नहीं छोड़ा। हिंदुओं को भी बर्बाद कर दिया।” हालांकि उनके इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने आपत्ति जताते हुए इसे ‘घटिया राजनीति’ बताया।