उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तैयारी करती नजर आ रही हैं। इसके साथ ही वह जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग कर रही हैं। इन तमाम मुद्दों को लेकर अनुप्रिया पटेल ने समाचार चैनल आज तक के साथ बातचीत की। उनसे केंद्रीय मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ ऐसा जवाब दिया।
एंकर नेहा बाथम ने उनसे पूछा कि क्या केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद से बीजेपी के साथ नाराजगी दूर हो गई है? इस पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह प्रश्न कहां से उठता है कि हम मंत्री बनने या न बनने ने के विषय पर नाराज हुए हैं। हमारी तरफ से कभी ऐसा कोई भाव व्यक्त नहीं किया गया है। इस बात को जरूर मैं स्वीकार करूंगी कि हमने कभी अपनी पार्टी के मूल्यों के साथ समझौता नहीं किया है।
अपना दल की विचारधारा बीजेपी के साथ पर्फेक्ट है : अनुप्रिया पटेल ने कहा कि दो अलग अलग राजनीतिक दल हैं, दोनों की अपनी विचारधारा है। हमने एनडीए के साथ गठबंधन में तीन चुनाव लड़े हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव चौथा चुनाव होने वाला है, जिसके लिए हम सबको मिल बैठकर बात करनी है। अनुप्रिया ने कहा कि पिछले चुनाव हम दोनों के लिए सकारात्मक रहे हैं।
अनुप्रिया पटेल को कितनी सीटें मिलेंगी : अनुप्रिया ने कहा, ‘यूपी चुनाव में हमें सीटों का बंटवारा करना ही है। हम इस बात पर चिंतन कर रहे हैं कि किस तरह हम दोनों पार्टियों की उर्जा को मिलाकर काम किया जा सकता है। हम इसको लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं, जो कुछ भी निर्णय होगा.. वह आप सबको बता दिया जाएगा।
केंद्र जातिगत जनगणना के समर्थन में नहीं है : इस विषय पर अनुप्रिया ने कहा कि यह राष्ट्र हित का विषय है। देश में जितने भी विभिन्न राजनैतिक विचारधारा वाले दल हैं, उन सब की मांग है कि इस देश में जातिगत जनगणना कराई जाए। जानकारी के लिए बता दें कि अनुप्रिया पटेल ने कई बार सार्वजनिक मंच से जातिगत जनगणना कराने की मांग की है। देश में पहली बार जातिगत जनगणना 1931 में की गई थी। इसके बाद 2011 में भी यह प्रक्रिया की गई लेकिन उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया।