जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा में सीआरपीएफ की गाड़ी से कुचलकर मरे कथित पत्थरबाज की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अमर अबदुल्ला ने सूबे की सरकार से सवाल करते हुए नाराजगी जाताई है। उमर अबदुल्ला ट्वीट में लिखा- ”पहले वे लोगों को जीप के सामने बांधते थे और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए गांव के चारों ओर घुमाते थे, अब वे अपनी जीप सीधे प्रदर्शनकारियों के ऊपर चढ़ा देते हैं। यह आपका नया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (मानक संचालन प्रक्रिया) है महबूबा मुफ्ती साहिबा? संघर्ष विराम का मतलब है बंदूक नहीं चलेगी इसलिए जीप इस्तेमाल कर रहे हैं।” बता दें कि घाटी में इस घटना के बाद से तनाव बरकार है। मीडिया खबरों के मुताबिक श्रीनगर डाउन-टाउन इलाके में पत्थरबाजों ने सीआरपीएफ की जीप को पत्थरबाजों ने घेर लिया था। आनन-फानन में कुछ जवानों ने भागकर जान बचाई लेकिन पत्थरबाजों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए चालक ने जीप धर दौड़ाई, जिसमें तीन प्रदर्शनकारी जीप के नीचे आ गए। इनमें एक कतिथ पत्थरबाज कैसर अहमद गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

कैसर अहमद की मौत के बाद घाटी में शरारती तत्वों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों की और भी घटनाएं दर्ज की गईं। उधर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सीआरपीएफ की श्रीनगर यूनिट के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पुलिस ने धारा 149, 152, 336 और 427 सहित अन्य धाराओं के साथ धारा 307 (हत्या की कोशिश करना), 148 (प्राणघातक हथियारों के साथ दंगा करना) और 279 (रैस ड्राइविंग) के तहत मामला दर्ज किया है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक मामला बीते शुक्रवार (1 जून) का है जब जुमे की नमाज के बाद डाउन-टाउन के नौहट्टा इलाके में पत्थरबाजों ने सीआरपीएफ की एक जिप्सी को घेर लिया था। शनिवार (2 जून) को मृतक कैसर अहमद का अंतिम संस्कार करने जा रहे जनाजे में कुछ शरारती तत्वों ने कथित तौर पर खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के झंडे लहराकर भी प्रदर्शन किया। मृतक को दफनाने के बाद शरारती तत्वों ने कथित तौर पर एक बड़ा जुलूस निकालने की कोशिश की, जिसे काबू करने के लिए सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज, आंसू गैस, पैलेट गन और पावा शेल आदि उपायों पर अमल किया। हिंसक झड़पों में आधा दर्जन के करीब लोग घायल होने की खबरें आ रही हैं।