समसामयिक मुद्दों पर समाचार चैनलों पर होने वाली डिबेट के दौरान अक्सर ही एक पार्टी के प्रवक्ता दूसरे पार्टी के प्रवक्ताओं पर भड़क जाते हैं। वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि शो के एंकर और अन्य चैनलों में भी तीखी झड़प हो जाती है। ऐसा ही कुछ ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ चैनल के कार्यक्रम ‘राष्ट्रवाद’ में हुआ। जिसमें एंकर सुशांत सिन्हा मौलाना साजिद रसीदी पर भड़क गए।
इस विषय पर हो रही थी डिबेट
मौलाना साजिद रसीदी ने उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम बहुत बर्दाश्त कर रहा है, जिस दिन अपने अधिकारों के लिए खड़ा हुआ। सरकार अपने आपको बचा नहीं पाएगी। उन्होंने मुसलमानों से अपील की थी कि जो भी सर्वे से संबंधित नोटिस लेकर आए, उसका मदरसे में जूते चप्पल के साथ स्वागत किया जाए।
मुस्लिम स्कॉलर पर भड़क गए एंकर
साजिद रशीद के बयान पर एंकर ने पूछा कि अगर आपकी बात किसी को पसंद नहीं आई तो वह कह सकता है कि आपका जूते चप्पल के साथ स्वागत किया जाए? साजिद रशीद ने इस पर पूछा कि आपकी कौन सी डिक्शनरी में स्वागत करने का मतलब मारना होता है? जवाब पर एंकर ने भड़कते हुए कहा कि जूते चप्पल से स्वागत करने का मतलब मारना ही होता है, अगर आपको लगता है कि आपने गलत किया है तो यहां पर माफी मांग लीजिए।
साजिद रसीदी पर चिल्ला पड़े एंकर सुशांत सिन्हा
एंकर ने साजिद रशीदी पर चिल्लाते हुए कहा कि आपको आज तक किसी ने कार्यक्रम में बुलाते हुए कहा है, ‘यहां पर मैं आपका जूते – चप्पल से स्वागत करूंगा। ऐसा कोई बोल देगा तो आप उस पर क्या रिएक्शन लेंगे।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यहां पर मैं आपको कहूं कि आप मेरे स्टूडियो आइये और यहां पर मैं आपका जूते – चप्पल से स्वागत करूंगा। साजिद रसीदी ने कहा कि अगर आप ऐसा बोलेंगे तो देखा जाएगा। एंकर ने आगे कहा कि मैं ऐसा ही कह रहा हूं, अब आप जवाब दीजिए। इस पर आप कहेंगे कि आप बहुत अच्छी बात कह रहे हैं, मैं आपको गिफ्ट दूंगा?
मुस्लिम स्कॉलर ने एंकर से पूछा – आपके पेट में क्यों हो रहा है दर्द?
इस दौरान मुस्लिम स्कॉलर एंकर से कहा कि आपके पेट में इतना दर्द क्यों हो रहा है? जिसके जवाब में एंकर ने कहा, ‘आप मुसलमानों को भड़का रहे हैं, यह मेरा भी देश है। कल पुलिस वाले हमारे मुसलमान भाइयों पर एक्शन लेगी तो आप गायब हो जाएंगे। साजिद रशीद ने कहा कि क्या यह देश मेरा नहीं है? एंकर ने जवाब में कहा कि अगर आपका देश होता तो आप जूता – चप्पल चलाने की बात नहीं करते।