तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। तालिबानी लड़ाकों ने हथियार से लैस होकर राष्ट्रपति भवन के साथ ही संसद भवन पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। अफगानिस्तान से आ रही तस्वीरें लोगों को परेशान कर रही हैं। सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे वीडियो और तस्वीरें देखी जा रहे हैं जिसमें संसद भवन के भीतर तालिबानी बंदूके लहराते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं अफगानिस्तान के लोग अपनी जान बचाने के लिए दूसरे देशों में जाने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर चलती विमानों में चढ़ते दिखाई दिए।
इसी मुद्दे पर एक न्यूज़ चैनल पर डिबेट चल रही थी। जिसमें मुस्लिम पैनलिस्ट ने तालिबान को बधाई देते हुए आदरणीय कहा तो एंकर ने उन्हें टोकते हुए पूछा कि आतंकियों के लिए इतनी खुशी क्यों है? दरअसल यह लाइव डिबेट न्यूज़ 18 इंडिया के शो ‘आर – पार’ में हो रही थी। डिबेट के दौरान एंकर अमीश देवगन ने मुस्लिम पैनलिस्ट माजिद हैदरी से सवाल पूछा कि तालिबान में मारे जा रहे मुसलमान दोस्तों के लिए आपको दुख है?
उनके इस सवाल का जवाब देते हुए मुस्लिम पैनलिस्ट ने कहा कि, ‘ एक सच्चे राष्ट्रवादी होने के नाते अपने पड़ोसी आदरणीय तालिबान को सबसे पहले बधाई देता हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि आज मेरी 75 वर्षों की याद ताजा हो गई है। हमारे यहां भी 75 वर्ष पहले गोरों को जूते मारकर बाहर फेंका गया था। वैसे ही आज मेरे तालिबान भाइयों ने वहां से गोरों को बाहर निकाल दिया है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए माजिद हैदरी ने कहा कि अमेरिका ने क्या किया? अशरफ गनी जैसे भगोड़े बनाएं। लोगों में खुशी नहीं थी। वह अपनी सरकार चाहते थे। उनकी इसी बात पर टोकते हुए एंकर अमीश देवगन ने कहा कि उनकी खुशी दिख रही है। उन्होंने कहा कि माजिद भाई यह जो खुशी है वह दिख रही है, लोग हवाई जहाज के टायरों के नीचे आकर मर रहे हैं गोलियां खा रहे हैं एके-47 की…काफी खुशी है उन लोगों में….।
राजनीतिक विश्लेषक माजिद हैदरी ने तालिबान को आदरणीय कहकर संबोधित किया तो अमिश देवगन ने पूछा सवाल आंतक के पर्याय तालिबान के लिए इतनी खुशी क्यों ? #आर_पार @AMISHDEVGAN pic.twitter.com/NMHHeL4qML
— News18 India (@News18India) August 16, 2021
एंकर अमीश देवगन ने गुस्से में कहा कि ऐसी खुशी तो फिर भारत में भी आ जानी चाहिए। उन्होंने माजिद हैदरी पर भड़कते हुए कहा कि आप तालिबानियों की तुलना महात्मा गांधी, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस से कर रहे हैं? तालिबान आतंकवादियों का पर्यायवाची है और आप उसको आदरणीय कह रहे हैं? तालिबान को लेकर इतनी खुशी क्यों है।
