बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और राजकुमार भाटी एक दूसरे से मनुस्मृति को लेकर भिड़ गए। जिसके बाद एक दूसरे को चैलेंज देते हुए शलोक सुनाने लगे। इन दोनों नेताओं के बीच हो रही बहस को रोकते हुए एंकर अंजना ओम कश्यप ने सपा प्रवक्ता से पूछा कि आपकी पार्टी महिलाओं के लिए क्या रोडमैप तैयार कर रही है। इस दौरान दोनों पार्टी के नेता महिलाओं के मुद्दे को लेकर एक दूसरे पर कटाक्ष करने लगे।

सपा प्रवक्ता ने कहा कि समाजवाद का मतलब ही महिला और पुरुष की बराबरी है। हमारी पार्टी जाति और रंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी विचारधारा महिलाओं के खिलाफ है। इनके आदर्श तुलसी और मनु है जो महिलाओं के खिलाफ रहे थे। क्या बीजेपी उनके द्वारा लिखी चीजों की निंदा करती है।

बीजेपी प्रवक्ता ने ऊंची आवाज में कहा कि मनुस्मृति के प्रथम अध्याय के श्लोक में लिखा गया है कि 1000 पिताओं बराबर एक माता है। सपा प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी वाले एक तरफ कन्या पूजन करते हैं और दूसरी तरफ महिलाओं को पढ़ने जाने से रोकते हैं। इस दौरान बीजेपी प्रवक्ता सपा प्रवक्ता से पूछने लगे कि आप यह बताइए कि मनुस्मृति छपी कब थी?

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पहले आप इस बात का जवाब दीजिए कि मनुस्मृति में कितने अध्याय हैं? आपने कभी उसे पढ़ा भी है। अगर कुछ पता है तो मनुस्मृति का एक श्लोक बता दीजिए। इसके जवाब में सपा प्रवक्ता ने कहा कि मनुष्य की कहती है – महिलाओं को कभी अकेले नहीं छोड़ना चाहिए, उन्हें स्वतंत्र रहने नहीं देना चाहिए। इस दौरान एक दूसरे में तीखी बहस होने लगी।

जिसमें सपा प्रवक्ता बीजेपी प्रवक्ता से पूछने लगे कि अगर मैं श्लोक सुना दूंगा तो आप क्या करेंगे? जिसके बाद सपा प्रवक्ता ने एक लोग सुनाया। इस पर बीजेपी प्रवक्ता ने हंसते हुए कहा कि इसमें क्या आपत्ति है। सही ही तो कहा गया है कि जिस घर में नारियों की पूजा होती है वहां देवताओं का निवास होता है। राजकुमार भाटी ने कहा कि आप संबित पात्रा मत बनिए, सामने वाली की बात भी सुना करिए।