उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार के बाद अब खबर सामने आ रही है कि अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे सकते हैं। अगर अखिलेश यादव इस्तीफा दे देते हैं तो भी वह लोकसभा के सदस्य बने रहेंगे। अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद है। इसी बीच आजम खान के भी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने की अटकलें लगाईं जा रही हैं।

क्या बोले सी वोटर के डायरेक्टर?: अखिलेश यादव के करहल विधानसभा सीट छोड़ने की खबर के बाद अब सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सी वोटर के डायरेक्टर यशवंत देखमुख ने लिखा कि “अगर ये सच है तो निहायत ही मूर्खतापूर्ण और हास्यास्पद फैसला है। उत्तर प्रदेश में नेता-प्रतिपक्ष होने की हैसियत और जनता से मिली जिम्मेदारी के आगे लोकसभा सांसद होना क्या मायने रखता है भाई ? जनता अगर आपको पांच साल आक्रामक विपक्ष की भूमिका में नहीं देखेगी तो आप 2027 भी भूल ही जाइए।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: हर्ष वर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “ये फिर 5 साल सांसद बनकर बैठेंगे और केंद्र की राजनीति करेंगे। फिर अगले विधानसभा चुनाव के 4 महीने पहले आकर राज्य की राजनीति में हाथ आजमाएंगे। इस तरह की रणनीति का परिणाम भी ऐसा ही होगा जो हुआ है।” एसबी ना के यूजर ने लिखा कि “इनको सेवा में नहीं, मेवा में रस था। अब कुछ नही मिलने वाला, अगले पांच साल बाद दिखाई देंगे।” जटायू नाम के यूजर ने लिखा कि “ये सब मलाई खाने वाले नेता हैं। इन्हें प्रदेश से कोई लेना देना नहीं है और जनता ऐसे बहुरूपियों को अच्छी तरह से पहचान गयी है।”

बेबाक नाम के यूजर ने लिखा कि “प्रधान रहते हुए कोई बीडीसी थोड़े बनेगा।” मि. बचपन नाम के यूजर ने लिखा कि “लो, दो विधायक और कम हो गए।” वसीम अख्तर नाम के यूजर ने लिखा कि “जब विधानसभा सीट छोड़ना ही था तो लड़े क्यों थे?” सुधीर नाम के यूजर ने लिखा कि “दोबारा चुनाव का खर्चा भी इन्हीं से वसूला जाये और जितने भी ऐसे लोग हैं।”  प्रणव भारद्वाज नाम के यूजर ने लिखा कि “हमारे यहां रामपुर में तो हर साल चुनाव होते हैं।”

मुकेश शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “फिर से चुनाव, फिर से सरकारी धन की बर्बादी ,एक पद पर रहते हुए दूसरा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए।” सिद्धार्थ पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि “पहले तय कर लो कि लोगों को प्रधानमंत्री बनने का सपना दिखाना है या मुख्यमंत्री। साढ़े चार साल विपक्ष की भूमिका का निर्वहन कांग्रेस करेगी और ये अंतिम छः माह में क्रेडिट लेकर चुनाव में दिखेंगे और अपने टूलकिट पत्रकारों की फौज के साथ नरेटिव करेंगे कि भारी बहुमत से आ रहे अखिलेश।”

अमित यादव नाम के यूजर ने लिखा कि “अगर ये खबर सत्य हैं तो आप यकीनन हार रहे हैं और हारते रहेंगे। लोकसभा का चुनाव नजदीक हैं त्याग दीजिये लोकसभा की सदस्यता और विधानसभा के नेता बनकर प्रदेश के मुद्दे पटल पर रखिये।”