समाजवादी पार्टी और साइकिल चुनाव चिन्‍ह पर चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुना दिया है। आयोग ने अखिलेश यादव को पार्टी और साइकिल, दोनों सौंप दिए हैं। आयोग का यह फैसला मुलायम सिंह यादव और उनके गुट के तगड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। मुलायम और अखिलेश पिछले एक महीने से पार्टी और चुनाव चिन्‍ह पर कब्‍जे के लिए आमने-सामने थे। आयोग के फैसले के बाद अब अखिलेश यादव सपा के अध्‍यक्ष रहेंगे। चुनाव आयोग के इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि अखिलेश यादव ‘साइकिल’ चुनाव चिन्ह के साथ आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। खबर आने के बाद सोशल मीडिया पर मुलायम सिंह यादव की स्थिति पर चुटकी ली जा रही है। जितेश ने लिखा है, ”जिस उम्र मे पिता का सहारा बनाना चाहिए उस उम्र मे साइकिल भी छीन लिया अखिलेश यादव ने।” कुंवर ने कहा, ‘साइकिल चुनाव चिन्ह अखिलेश यादव को मिला. चुनाव आयोग ने तय कर दिया कि ‘असली’ समाजवादी पार्टी अखिलेश की है।’ सुनील ने लिखा, ”मुलायम सिंह को साइकिल नही मिल पाई, अब वक्त आ गया है कि नेताजी को पैदल ही चार धाम की यात्रा पर निकल जाना चाहिये।”

सोमवार को मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव के खिलाफ तल्ख टिप्पणी का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग जो भी फैसला करेगा वो माना जाएगा। मुलायम सिंह यादव ने अपने समर्थकों से कहा कि वे अखिलेश यादव के खिलाफ लड़ने को भी तैयार हैं। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। मुलायम ने कहा, ”मैंने तीन बार अखिलेश को बुलाया पर वो एक मिनट के लिए ही आए और मेरी बात शुरू होने से पहले ही चले गए।”

सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग के फैसले पर कैसी चर्चा है, देखिए:

https://twitter.com/SinghJitesh123/status/820994683899936768

https://twitter.com/VIVEK01SHARMA/status/820993566709313541

https://twitter.com/Chauhan_VijayK/status/820993452259377152

https://twitter.com/manojrajant/status/820991797702709248

चुनाव आयोग के फैसले को मुलायम सिंह यादव गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर नसीम जैदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी ने 13 जनवरी को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ को लेकर अखिलेश-मुलायम के बीच उस विवाद शुरू हुआ जब 1 जनवरी को अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।