वर्ल्ड बायोफ्यूल डे अवसर पर दिल्ली में 9 अगस्त को एक कार्यक्रम के उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चायवाला द्वारा गटर के गैस से चाय बनाने की कहानी सुनाई। पीएम मोदी ने अपने स्पीच में छोटे स्तर के एक खोज का उदाहरण देते हुए कहा कि, “उन्होंने एक अखबार में उस चायवाले की कहानी पढ़ी जो गटर से निकलने वाली बायोगैस का उपयोग कर चाय बनाता था।” पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि, “किसी छोटे नगर में नाले के पास कोई चाय का ठेला लेकर खड़ा रहता था और चाय बनाकर बेचता था। उसने एक छोटे बर्तन को उल्टा कर के छेद करके पाइप डाल दी और जो गटर से गैस निकलता था, वो पाइप लाइन से उसके चाय के ठेले में ले लिया। वह चाय बनाने के लिए उसी गैस का उपयोग करता था।”
पीएम मोदी द्वारा बायोगैस का इस तरीके से विवरण के बाद ‘मित्रोजन’ सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का मजाक उड़ने लगा। उनकी अल्बर्ट आइंस्टीन से तुलना होने लगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर तंज करते हुए कहा कि, “यदि आप गैस चाहते हैं तो गटर से जेनेरेट करें और पकौड़े बनाएं।” लेकिन अब एएनआई ने उस व्यक्ति और उसकी बातों को सामने ला दिया है, जिसके संबंध में पीएम मोदी ने गटर से गैस की चर्चा की थी। उस व्यक्ति का नाम श्याम राव शिर्के है। वे एक मैकेनिकल कांट्रैक्टर हैं। वे कहते हैं कि मैंने ही सीवेज कचरे से बायो-सीएनजी उत्पादन करना शुरू किया।
Scientists told me my paper has been sent to higher authorities. It had already been 2 yrs hence, I had forgotten about it. Y’day I came to know Modi ji has mentioned my invention in his speech: SR Shirke,mechanical contractor who patented production of bio-CNG from sewage sludge pic.twitter.com/aQcVAxiWzx
— ANI (@ANI) August 14, 2018
I’ve no financial assistance.People from Municipality threw away the equipment,saying it’s a wastage.People from Science&Technology asked me to lodge FIR.I was disappointed so didn’t do anything:SR Shirke,mechanical contractor who patented production of bio-CNG from sewage sludge pic.twitter.com/M0ZcJrmb22
— ANI (@ANI) August 14, 2018
Nallah emitting foul gases & polluting environment is now being used for something like this & creating fuel. It’s in national interest. I didn’t like what Rahul Gandhi ji said, never thought he’s immature: Shyam Rao Shirke who patented production of bio-CNG from sewage sludge pic.twitter.com/TfMtpYRVsF
— ANI (@ANI) August 14, 2018
शिर्के कहते हैं कि, मैंने नालियों से पानी एकत्र किया और पानी के बुलबुले इकट्ठा करने के लिए एक छोटा ‘कलेक्टर’ बनाया। एक गैस रखने के लिए एक ड्रम का इस्तेमाल किया। इसके बाद मैंने इसके परीक्षण के लिए इसे गैस स्टोव से जोड़ा और चाय बनाई। शिर्के ने कहा कि छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान ने उन्हें अगले स्तर पर लेने के लिए पैसे दिए। फिर मैंने इसे बनाया और नाला में स्थापित किया। तीन दिनों में पर्याप्त गैस इकट्ठा हो गई। यह एक घर में स्थापित किया गया जहां इससे 4 से 5 महीने के लिए भोजन तैयार किया गया था। वैज्ञानिकों ने मुझे बताया कि मेरा पेपर उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। पेपर भेजे हुए 2 साल हो चुका था, मैं इसके बारे में भूल गया था। आज मुझे पता चला कि मोदी जी ने अपने भाषण में मेरे आविष्कार का उल्लेख किया है। मेरे पास कोई वित्तीय सहायता नहीं है। नगर पालिका के लोगों ने उपकरण को फेंक दिया और कहा कि यह एक बर्बादी है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लोगों ने मुझे एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा। मैं निराश था इसलिए कुछ भी नहीं किया। नाला से निकलने वाले गैस से प्रदूषण होता है। लेकिन इसका इस्तेमाल ईंधन बनाने के लिए किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय हित में है।