आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास अक्सर ही सोशल मीडिया के जरिए इशारों-इशारों में अपनी बात कह जाते हैं। एक बार फिर उन्होंने ट्विटर के माध्यम से तंज कसते हुए अपना बात कही है। विश्वास ने त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड विधानसभा चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद ईवीएम पर सवाल उठाने वाले लोगों को लेकर ट्वीट किया, ‘अपने असुरक्षाग्रस्त वैचारिक पतन पर विचार करने की अपेक्षा मतदान व मतगणना की प्रक्रियाओं पर प्रश्न खड़े करने वाले नवपतित आंदोलनकारिओं को जनता EVM की बजाय उंगलियों पर गिनने योग्य वोट दे रही है, फिर भी वे नकारात्मकता चमचाच्छादित ओछेपन में मग्न हैं। लोकतंत्र के लिए कमजोर विपक्ष घातक है।’
इसके अलावा उन्होंने अन्य ट्वीट करते हुए कहा, ‘देश की जनता को दोष मत दीजिए! उन्होंने तो दोनों दृष्टियां ले अलग एक साफ-सुथरी आम सी नजर को भी नजारा बख्शा, लेकिन इन नजर वालों ने महज ‘राजा’ बने रहने के लिए अपनी एक आंख फोड़कर, अंधों की फौज जोड़ ली। जिन राजनैतिक अनपढ़ों को विपक्ष की उपादेयता सदन में विपक्ष की संख्या से समझ आती हो उन्हें प्रचंड नेहरू-युग में अकेले लोहिया की संसदीय-दबंगई का इतिहास पढ़ना चाहिए! व्यक्ति की तेजस्विता, उर्जावान समूहों का निर्माण करती है, निस्तेज पैराशूट चमचा-समूह सदा ही डरपोक नायक बनाता है!’
देश की जनता को दोष मत दीजिए ! उन्होंने तो दोनों दृष्टियों ले अलग एक साफ़-सुथरी आम सी नज़र को भी नज़ारा बख़्शा पर इन नज़र वालों ने महज़ “राजा” बने रहने के लिए अपनी एक आँख फोड़कर, अंधों की फ़ौज जोड़ ली https://t.co/OsXGlIpuB7
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) March 3, 2018
अपने असुरक्षाग्रस्त वैचारिक पतन पर विचार करने की अपेक्षा मतदान व मतगणना की प्रक्रियाओं पर प्रश्न खड़े करने वाले नवपतित आंदोलनकारिओं को जनता EVM की बजाय उँगलियों पर गिनने योग्य वोट दे रही है,फिर भी वे नकारात्मकता चमचाच्छादित ओछेपन में मग्न हैं.लोकतंत्र के लिए कमज़ोर विपक्ष घातक है
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) March 3, 2018
और जिन राजनैतिक अनपढों को विपक्ष की उपादेयता सदन में विपक्ष की संख्या से समझ आती हो उन्हें प्रचंड नेहरू-युग में अकेले लोहिया की संसदीय-दबंगई का इतिहास पढ़ना चाहिए ! व्यक्ति की तेजस्विता, उर्जावान समूहों का निर्माण करती है, निस्तेज पैराशूट चमचा-समूह सदा ही डरपोक नायक बनाता है https://t.co/f4zIy32hqZ
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) March 3, 2018
विश्वास के इन ट्वीट्स पर सोशल मीडिया यूजर्स के एक धड़े ने जमकर मजे लिए। लोगों ने कहा कि राज्यसभा में जाने को नहीं मिला, इसलिए विश्वास ऐसी बातें कर रहे हैं। एक यूजर ने ट्वीट कर कहा, ‘राज्यसभा ना जाने का दुख इतना होता है पहली बार देखा रे बाबा।’ एक यूजर ने कहा, ‘नागालैंड के चुनाव परिणाम आ गए हैं, आम आदमी पार्टी को प्रदेश की जनता ने सिर्फ 7355 वोट दिए। जब चुनाव में प्रचार ही नहीं करना था तो चुनाव लड़कर ऐसे फजीहत करवाने की क्या जरूरत थी अरविंद केजरीवाल जी?? आज पूरी पार्टी हंसी का पात्र बन कर रह गई है।’ अन्य यूजर ने ट्वीट कर कहा, ‘आप को मेघालय में केवल 1146 वोट मिले, पार्टी ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा और नोटा से भी कम वोट मिले।’ वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘अभी मानसिकता वाला विपक्ष है ही कहां, मानसिक दीवालिया वाला है।’
Rajya sabha na jane ka dukh itna hota hai pehli bar dekha re baba
— rahul ranjan (@rahutrue) March 3, 2018
नागालैंड के चुनाव परिणाम आ गए हैं..@AamAadmiParty
को प्रदेश की जनता ने सिर्फ 7355 वोट दिए..
जब चुनाव में प्रचार ही नहीं करना था तो चुनाव लड़कर ऐसे फजीहत करवाने की क्या ज़रूरत थी @ArvindKejriwal जी?? आज पूरी पार्टी हँसी का पात्र बन कर रह गई है#NorthEast2018 @DrKumarVishwas— Rana Shivdeep (@rana_shivdeep) March 3, 2018
AAP gets only 1146 Votes in #MeghalayaElection2018.
It contested on 6 seats & got less votes than NOTA, @DrKumarVishwas— Saagar Anand (@saagar_anand) March 3, 2018
आपको राज्यसभा में न भेजना उनका असुरक्षा बोध ही था किसी योग्य व्यक्ति को आगे आने नहीं देना चाहते
— Avanish Pandey (@advAvanishpande) March 3, 2018
अभी तो मानसिकता वाला विपछ है ही कहाँ,मानसिक दीवालिया वाला है।
— ASHISH SHUKLA (@AshuklaMonu) March 3, 2018
उसी लाईन में तो #AAP की इमानदार टोली भी खड़ी है..
— Ankita yadav (@iamAnkita_y) March 3, 2018
हार को स्वीकार करना जीत से बढकर है ,परन्तु उसके बाद मंथन भी होना चाहिए ।पर हार में evm और जीत में राहुल व केजरीवाल का करिश्मा नही चलेगा
— Shekhu (@Shekhu13534850) March 3, 2018
लोकतंत्र के लिए कमजोर विपक्ष से घातक विपक्ष का भटक जाना है,विपक्ष का मतलब केवल संख्या बल से नहीं बल्कि उसके मजबूत आवाज,मुद्दों पर पकड़ से होता है।
— संदीप सिंह (@i__am_sandeep) March 3, 2018