ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद की देवबंद में एक जनसभा के दौरान जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था कि हमें हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया है। हम मुल्क पर आंच नहीं आने देंगे। इसी को लेकर एक टीवी चैनल से बातचीत कर रहे मौलाना मदनी से कई तरह के सवाल किए गए।
आज तक न्यूज़ चैनल की एंकर चित्रा त्रिपाठी ने एक इंटरव्यू के दौरान मौलाना मदनी से पूछा कि बीजेपी का आरोप है कि आप घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं? मौलाना मदनी ने इसके जवाब में बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए क्योंकि मुझे उनसे इस तरह की उम्मीद नहीं है। अगर वह ऐसा कह रहे हैं तो उनकी मर्जी है।’ जब उनसे पूछा गया कि आप के आंसू क्यों आ गए तो उन्होंने कहा कि मुझे स्थिति सही नहीं लग रही है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मदनी ने कहा कि यहां पर ऐसी स्थिति हो गई है, लोगों का रास्ता चलना मुश्किल हो गया है शायद यह आपको नहीं पता चल रहा होगा। अपने रोने को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा कभी हो जाता है, मैं भी एक इंसान हूं। ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मदनी ने कहा कि हम बिल्कुल भी मुसलमानों को डराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का जिक्र किए जाने पर मदनी ने कहा कि यहां पर केवल मेरी बात कीजिए।
इंटरव्यू के दौरान मदनी से सवाल किया गया कि अगर ज्ञानवापी और मथुरा में मुसलमानों के पक्ष में फैसला नहीं आता है। उसके बाद भी वहां पर नमाज पढ़ी जाएगी? मदनी ने इस पर कहा, ‘ हमारे संगठन का फैसला है कि हम इस विषय पर पब्लिक प्लेटफॉर्म पर चर्चा नहीं करेंगे क्योंकि मीडिया का एक वर्ग इसे हिंदू मुस्लिम का मुद्दा बनाकर के खाई को और बढ़ाने का काम करेंगे।
लोगों के रिएक्शन : राहुल कुमार नाम के एक यूजर ने मदनी के इंटरव्यू पर कमेंट किया कि हम उस देश में रहते हैं जहां 800 वर्ष पुराने शिवलिंग को खोजा जा सकता है लेकिन दो साल पहले पुलवामा में RDX लाने वालों को नहीं खोजा जा रहा? पीयूष नाम के एक यूजर ने लिखा – एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी। अब जब लगातार चोरी साबित हो रही है तो भाईचारा निभाने की बात हो रही है और अपनी गलतियां नहीं सुधारी जा रही।