लगभग 27 महीने जेल में रहने के बाद आजम खान बाहर आ गये हैं। जेल से बाहर आने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने आजम खान से दूरी बनाई हुई है। हालांकि जेल से रिहाई के बाद अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर ख़ुशी जाहिर तो की लेकिन मिलने कोई नहीं पहुंचा। विधानसभा सत्र से पहले सपा विधायकों की बैठक में भी आजम खान और उनके विधायक पुत्र नहीं पहुंचे।
आज तक को दिए एक इंटरव्यू में आजम खान से सवाल पूछा गया कि अखिलेश यादव से दूरी क्यों है? वो आपसे कभी जेल में मिलने भी नहीं पहुंचे, क्या वजह है? इस पर आजम खान ने कहा, उनके सामने क्या वजह थी, उसके बारे में तो मैं नही बता सकता। मिलने पर पाबंदियां तो बहुत थी, मैं तो किसी से मिल ही नहीं सकता था। मेरी मुलाकातों पर भी पाबंदी लगी हुई थी। बाहर की दुनिया के बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं थी।’
आजम खान ने कहा कि ‘मैं तो छोटी सी कब्र में रहता था, जहां अंग्रेज फांसी देने से एक रात पहले लोगों को रखा करते थे।’ आजम खान ने कहा ‘जिसने साथ दिया, उसका शुक्रिया, जिसने नहीं दिया उनका भी शुक्रिया। मेरे अपनों की कोई कमी नहीं है। मुझे माफिया कहा गया लेकिन मुझे जेल के अन्दर से जितने वोट मिले, उतने तो जेल से बाहर रहने पर भी नहीं मिलते थे।’ अखिलेश से नाराजगी पर आजम खान ने कहा कि ‘कोई नाराजगी नहीं है, उन्होंने मेरा क्या बिगाड़ा है।’
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर आजम खान ने कहा कि ‘विवाद पैदा करने वाले कौन हैं? अगर मालूम भी पड़ जाए तो मैं क्या कर सकता हूं। बाबरी मस्जिद और ज्ञानवापी मस्जिद में एक फर्क है कि बाबरी मस्जिद की कानून लड़ाई लंबी चली लेकिन इसमें लोवर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सुनवाई चल रही है। जो भी फैसला आएगा, उसे कबूल करेंगे। बस माहौल अच्छा रहना चाहिए।’ राजनीति में आगे क्या करना है? इस पर आजम खान ने कहा कि अभी दशा ठीक कर लूं, फिर दिशा के बारे में सोचूंगा। मैं हार्दिक पटेल तो नहीं हूं।’
खबरों के अनुसार, आजम खान सोमवार को उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विधायकी की शपथ ले सकते हैं। इस दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी वहां मौजूद रहेंगे। इसी दौरान अखिलेश यादव और आजम खान का आमना सामना हो सकता है। बता दें कि आजम खान, अखिलेश यादव से नाराज बताये जा रहे हैं। आजम के जेल से बाहर आने के बाद अभी तक अखिलेश ने उनसे मुलाकात नहीं की है।
