दुनियाभर में बहुत सारे यूजर्स द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला माइक्रोसॉफ्ट का Windows 10 ऑपरेटिंग अब आधिकारिक तौर पर डेड हो गया है। जी हां, ऑफिशयली ऑपरेटिंग सिस्टम के’end of life’ पर पहुंचने से करोड़ों यूजर्स के लिए सिक्यॉरिटी से जुड़ा खतरा पैदा हो गया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही टेक दिग्गज ने अपने यूजर्स को चेतावनी जारी की थी और Windows 11 पर अपडेट करने का आग्रह किया था।
Windows 10 के साथ क्या हुआ?
बता दें कि दशकों तक दुनियाभर के यूजर्स के लिए Windows सबसे आसान पहुंच वाला ऑपरेटिंग सिस्टम रहा है। Windows 10 को करीब एक दशक पहले लॉन्च किया गया था और अभी भी मार्केट शेयर में इसका एक बड़ा हिस्सा है। Statcounter की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2025 में 43 फीसदी यूजर्स विंडोज 10 का इस्तेमाल कर रहे थे।
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लेकिन माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि आज यानी 14 अक्टूबर 2025 से Windows 10 यूजर्स को कोई फीचर या सिक्यॉरिटी अपडेट नहीं मिलेंगे और न ही यूजर्स को किसी तरह का टेक्निकल सपोर्ट मिल सकेगा। आपकी Windows 10 मशीन सामान्यतौर पर काम करता रहेगा, लेकिन अनसपोर्टेड सॉफ्टवेयर धीरे-धीरे सिक्यॉरिटी के लिए खतरा बनते जाते हैं और मैलवेयर से एक्सपोज हो सकते हैं।
अपने Windows 10 PC के साथ क्या करें?
अब, जबकि Windows 10 के लिए ऑफिशियल सपोर्ट खत्म ह गया है, एलिजिबल यूजर्स को अपने डेस्कटॉप और लैपटॉप को Windows 11 पर अपग्रेड कर लेना चाहिए। अगर आपने अपना 2020 के बाद अपना PC खरीदा है तो इसका मतलब है कि 5 साल पुराने इस पीसी के लिए आपको फ्री Windows 11 अपग्रेड मिल जाएगा।
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हालांकि, अगर आपका पीसी Windows 11 की न्यूनतम सिस्टम आवश्यकताओं (minimum system requirements) को पूरा नहीं करता ह तो आप उस प्रोग्राम के लिए साइन अप कर सकते हैं जिसे माइक्रोसॉफ्ट “Extended Security Updates (ESU)” कहता है। आपको बता दें कि यह Windows 10 यूज़र्स के लिए एक पेड प्रोग्राम है जो कुछ पुराने Microsoft प्रोडक्ट्स को सपोर्ट खत्म होने के बाद भी चलाना चाहते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने एक पोस्ट में कहा कि Windows 10 Extended Security Update ग्राहकों के लिए एक ‘आखिरी उपाय’ है लेकिन इसे लंबे समय तक चलने वाला सॉल्यूशन नहीं बल्कि अस्थाई विकल्प माना जाना चाहिए, जब तक कि ग्राहक Windows 11 में माइग्रेट कर लें। इस प्रोग्राम के तहत, Windows 10 यूज़र्स को नए फीचर्स नहीं मिलेंगे लेकिन महत्वपूर्ण सुरक्षा अपडेट्स तीन साल तक मिलते रहेंगे।
ESU प्रोग्राम के लिए पात्र होने के लिए आपको Windows 10 वर्शन 22H2 चलाना होगा और हर साल करीब 30 डॉलर का भुगतान करना होगा जो लगभग 2,700 रुपये के बराबर है। माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी कहा कि यह कीमत हर अगले साल दोगुनी हो जाएगी, अधिकतम तीन साल तक।
Windows 11 पर अपग्रेड कैसे करें?
माइक्रोसॉफ्ट के फ्री ऑनलाइन टूल- PC Health Check के साथ यूजर्स झटपट यह पता कर सकते हैं कि आपका PC लेटेस्ट विंडोज वर्जन पर अपग्रेड किया जा सकता है या नहीं। एक बार इस टूल को डाउनलोड और इंस्टॉल करने के बाद लॉन्च करें और फिर ‘Check now’ पर बटन पर क्लिक करें ताकि आप यह जान सकें कि आपका पीसी Windows 11 के लिए एलिजिबल है या नहीं।
आपको याद दिला दें कि Windows 11 के लिए जरूरी है कि आपका प्रोसेसर दो या इससे ज्यादा कोर वाला हो और 1 गीगाहर्ट्ज़ (1GHz) या उससे तेज स्पीड पर चले। इसके अलावा सिस्टम में कम से कम 4GB RAM और 64GB स्टोरेज हो। आपके सिस्टम में Trusted Platform Module 2.0 (TPM 2.0) होना चाहिए। यह सिक्यॉरिटी चिप प्रोसेसर में बिल्ट होती है। लेकिन लाखों पुराने प्रोसेसर में यह मौजूद नहीं है, जिसका मतलब है कि बहुत सारे Windows 10 यूज़र्स इस अपडेट के लिए पात्र नहीं होंगे।
विंडोज 11 पर अपग्रेड नहीं कर सकते तो क्या करें?
अगर आप Windows 11 पर अपग्रेड नहीं कर पा रहे हैं तो आपके पास तीन विकल्प हैं: पहला- एक नया PC खरीद लें, दूसरा- माइक्रोसॉफ्ट के Extended Security Updates प्रोग्राम के लिए पैसे दें या फिर किसी तीसरे ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे Linux पर स्विच करें। Windows 7 की तरह ही आप सालों तक Windows 10 इस्तेमाल करते रह सकते हैं, लेकिन हमारी सलाह है कि अपने डेटा का बैकअप ले लें और विंडोज के लेटेस्ट वर्जन पर अपग्रेड करें। क्योंकि आमतौर पर पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर भविष्य में सुरक्षा खामियों की आशंका बनी रहती है ।