कुछ महीने पहले मार्क जुकरबर्ग की Meta उस वक्त सुर्खियों में आ गई थी जब कंपनी ने जेनरेटिव AI की रेस में Meta AI को आगे करने के लिए सुपरइंटेलिजेंट एआई कोडर्स और रिसर्चर्स की टीम बनाने की ठानी थी। Meta Superintelligence Lab के लिए जुकरबर्ग ने इंडस्ट्री के सबसे प्रतिभाशाली लोगों को करोड़ों की सैलरी पैकेज ऑफर किए और इनमें से कई लोग OpenAI, Anthropic, Google जैसी जगहों से आए थे।

हालांकि,अब ऐसा लगता है कि यह बुलबुला फूट चुका है। कुछ ही महीनों में मेटा के अहम इंजीनियर्स, जुकरबर्ग की सुपरइंटेलिजेंट लैब को छोड़कर जा रहे हैं।

अब भाषा नहीं बनेगी दीवार! Google Translate का LIVE Translation फीचर लॉन्च, ऐसे करें इस्तेमाल

हाल ही में कई हाई-प्रोफाइल इस्तीफों की कड़ी में, दो टॉप रिसर्चर्स ऋषभ अग्रवाल और अवि वर्मा ने मेटा में जुकरबर्ग की सुपरइंटेलिजेंस टीम से इस्तीफा दे दिया है। ये इस्तीफे उनकी भर्ती के कुछ ही महीनों के अंदर हुए जिससे मेटा की अपनी सबसे प्रतिभाशाली लोगों को बनाए रखने की क्षमता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

ऋषभ अग्रवाल ने महज 5 महीनों के भीतर Meta AI छोड़ दिया है।

Surya Grahan 2025: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण रात 10.59 पर शुरू होगा, जानें क्या भारत में देगा दिखाई, देखते समय बरतें ये सावधानियां

कौन हैं ऋषभ अग्रवाल?

ऋषभ ने सिर्फ सिर्फ पांच महीने बाद मेटा को छोड़ दिया, उनके सात-अंक वाली सैलरी को देखते हुए उनका इस्तीफा खासतौर पर आश्चर्यजनक था। एक सोशल मीडिया पोस्ट में अग्रवाल ने कहा, “यह @AIatMeta में मेरा आखिरी सप्ताह है। नई सुपरइंटेलिजेंस टीबीडी लैब के साथ बने ना रहना एक कठिन फैसला था, विशेष रूप से टैलेंट और कम्प्यूट डेनसिटी को देखते हुए। लेकिन Google ब्रेन, डीपमाइंड और मेटा में कुल 7.5 सालों के बाद, मुझे एक अलग तरह का रिस्क लेने की इच्छा महसूस हुई।”

उन्होंने कहा, “सुपरइंटेलिजेंस टीम में मार्क और एलेक्जेंडर वैंग द्वारा बनाई गई पिच अविश्वसनीय रूप से बेहद शानदार थी। लेकिन मैंने आखिरकार, मार्क की सलाह का पालन करना चुना: “एक ऐसी दुनिया में जो इतनी तेजी से बदल रही है, सबसे बड़ा जोखिम जो आप ले सकते हैं वह है कोई जोखिम नहीं लेना”।

आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र ऋषभ ने Mila– Quebec Artificial Intelligence Institute से कंप्यूटर विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने अपनी नई नौकरी का खुलासा नहीं किया है। ऋषभ ने 2018 में सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में गूगल ब्रेन में शामिल होने से पहले Saavn, Tower Research Capital और Waymo में इंटर्नशिप के साथ अपना करियर शुरू किया। बाद में बड़े लैंग्वेज मॉडलों को आगे बढ़ाने पर फोकस करने के लिए उन्हें Google DeepMind में ट्रांसफर कर दिया गया।

अवि वर्मा की OpenAI में वापसी

ऋषभ के नक्शे-कदम पर चलते हुए Meta के एक और AI रिसर्चर अवि वर्मा ने Superintelligence Labs (MSL) से इस्तीफा दे दिया है। उनकी OpenAI में वापसी हो रही है। अवि ने ऋषभ की तरह, इस्तीफे के लिए निजी कारणों को वजह नहीं बताई है। तरह की रिवर्स एक्विजिशन रणनीति का हिस्सा था। वर्मा का अपने पुरानी कंपनी में वापसी का फैसला, एक अन्य रिसर्चर ईथन नाइट के साथ मिलकर, इस चुनौती को उजागर करता है कि मेटा अपने नए एआई प्रोग्राम्स में शीर्ष प्रतिभाओं को शामिल करने और उन्हें बनाए रखने में कितनी कठिनाई झेल रहा है।

अवि वर्मा ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बैचलर ऑफ साइंस (BS) डिग्री हासिल की है और अब दोबारा OpenAI में वापस लौट आए हैं। तेजी से हुए इस बदलाव से पहले, उन्होंने अक्टूबर 2020 में एलन मस्क की कंपनी टेस्ला में काम शुरू किया था और वहां चार साल तक अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने टेस्ला में सीनियर मशीन लर्निंग इंजीनियर के पद से इस्तीफा दिया था।