भारतीय मूल के बहुत सारे टेक प्रोफेशनल्स दुनियाभर में भारत का परचम लहरा रहे हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट से लेकर ऐप्पल और OpenAI जैसी कंपनियों में भारतीय अपना करियर बना रहे हैं। ऐसी ही एक युवा हैं- कल्याणी रामादुर्गम जो भारतीय मूल की टेक प्रोफेशनल हैं। इन्होंने कॉरपोरेट नौकरी छोड़कर अपना खुद का स्टार्टअप खड़ा किया। Affirm में काम कर चुकीं सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशी अग्रवाल के साथ मिलकर कल्याणी ने Kobalt Labs की स्थापना की थी। अब उन्हें Forbes 30 Under 30 United States 2026 की फाइनेंस कैटेगरी में जगह मिली है। वह फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (FinTech) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेक्टर में काम करती हैं।
कितनी पढ़ी-लिखी हैं कल्याणी रामादुर्गम (Kalyani Ramadurgam Education)
कल्याणी ने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। इस दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निग में उनकी दिलचस्पी काफी बढ़ी। उनकी एजुकेशन ने उन्हें डेटा, सॉफ्टवेयर सिस्टम्स और ऑटोमेशन के साथ काम करने के लिए जरूरी बुनियादी टेक्निकल स्किल ऑफर की। समय के साथ उन्होंने केवल फॉर्मल एजुकेशन पर निर्भर रहने के बजाय अपने काम के अनुभव के जरिए सीखना जारी रखा।
कल्याणी रामा दुर्गम का अनुभव (Kalyani Ramadurgam Experience)
ऐप्पल में उनका काम बेहद संवेदनशील था जिसमें आतंकवादी नेटवर्क द्वारा Apple Pay के गलत इस्तेमाल को रोकना सबसे बड़ा फोकस था। अपने काम के दौरान उन्होंने देखा कि ऐप्पल जैसी बड़ी कंपनी में भी धीमे, मैनुअल और पुरानी प्रक्रियाओं के चलते कंप्लायंस सिस्टम में रिस्क मौजूद थे।
वहां काम करते समय उन्होंने देखा कि अधिकतर कंप्लायंस काम धीमे थे और बहुत हद तक मैनुअल चेकिंग पर निर्भर थे। बड़ी कंपनियां भी दस्तावेज़ों के रिव्यू और रिस्क मैनेजमेंट के लिए पुराने तरीके इस्तेमाल कर रही थीं। इससे कंप्लायंस संभालने वाली टीमों के लिए काफी मुश्किल होती थी और समय ज्यादा लगता था।
BSNL Christmas Bonanza: ₹1 के रिचार्ज में 30 दिनों तक मिलेगा 2GB डेली डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग
इन समस्याओं को करीब से देखने के बाद कल्याणी ने बेहतर समाधान के बारे में सोचना शुरू किया। उन्हें एहसास हुआ कि कई कंप्लायंस काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तेजी से निपटाए जा सकते हैं। इसी आइडिया ने उन्हें Kobalt Labs की सह-स्थापना करने के लिए प्रेरित किया जो वित्तीय कंपनियों में जोखिम और कंप्लायंस प्रबंधन को बेहतर बनाने पर फोकस करने वाला एक स्टार्टअप है।
यह कंपनी ऐसे टूल्स डिवेलप करती है जो बैंकों और फिनटेक कंपनियों को पॉलिसी, कॉन्ट्रैक्ट और अन्य दस्तावेज़ों के रिव्यू में AI की मदद करते बनाते हैं। पहले जो काम कई दिन या हफ्तों में होता था, अब उसे बहुत तेजी से निपटाया जा सकता है। इसका मकसद लोगों को बदलना नहीं है बल्कि दोहराए जाने वाले मैनुअल काम को कम करना है।
कल्याणी का काम महत्वपूर्ण है क्योंकि वित्तीय नियम (financial rules) हर साल और कठिन होते जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके कंप्लायंस को सरल बनाकर वह कंपनियों को ज्यादा कुशलता से काम करने और गंभीर गलतियों से बचने में मदद कर रही हैं। उनका सफर यह दिखाता है कि व्यावहारिक अनुभव से उपयोगी इनोवेशन कैसे किया जा सकता है। खासकर जब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल वास्तविक समस्याओं को हल करने के लिए किया जाए।
