Who is Gopi Thotakura: स्पेस में घूमने जाना यानी स्पेस टूरिज्म! कभी ख्याली पुलाव लगने वाली यह बात अब सच होने जा रही है। जी हां, जेफ बेज़ोस (Jeff Bezos) के स्पेस स्टार्टअप Blue Origin ने हाल ही में अपने NS-25 मिशन (NS-25 mission) में जाने वाले 6 लोगों की क्रू का खुलासा किया था। इस क्रू में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी (John F. Kennedy) द्वारा 1961 में ऐरोस्पेस रिसर्च पायलट स्कूल (ARPS) के लिए चुने गए पहले अश्वेत एस्ट्रोनॉट (अंतरक्ष यात्री) कैंडिडेट Ed Dwight भी हैं। हालांकि, इसके बाद वह कभी अंतरिक्ष में नहीं गए। लेकिन एन-25 मिशन में जिस एक नाम की चर्चा भारत में है, वो है गोपीचंद थोटाकुरा (Gopichand Thotakura)। इतिहास में स्पेस टूरिस्ट बनकर जाने वाले गोपी थोटाकुरा पहले भारतीय हैं।

बता दें कि थोटाकुरा के अलावा वरिष्ठ ट्रैवल डॉक्युमेंट्री प्रोड्यूसर संतोष जॉर्ज कुलनगरा ने भी वर्जिन गैलेक्टिक स्पेस प्लेन में जाने के लिए पैसे चुकाए थे। उन्होंने मल्टीपल ट्रेनिंग सेशन और फ्लाइट के साथ तगड़ी तैयारी भी की। लेकिन अब ऐसा लगता है कि उनसे पहले गोपी थोटाकुरा को स्पेस में जाने का मौका मिल गया है।

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लेकिन आपको बता दें ना तो कुलनगरा और ना ही थोटाकुरा स्पेस में जाने वाले पहले भारतीय हैं। सबसे पहले 1984 में Soviet Soyuz T-11 रॉकेट में स्पेस में जाने वाले राकेश शर्मा पहले भारतीय थे। शर्मा ने सोवियत यूनियन के Salyut-7 स्पेस स्टेशन में 7 से ज्यादा दिन बिताए थे।

लेकिन क्या आपको पता है कि पहले भारतीय स्पेस टूरिस्ट बनने वाले गोपी थोटाकुरा कौन हैं?

गोपीचंद थोटाकुरा एक व्यवसायी हैं जिनके बारे में Blue Space ने लिखा है, ‘पायलट और एविएटर, जिन्होंने ड्राइविंग सीखने से पहले उड़ना सीखा।’ इसके अलावा गोपी Preserve Life Corp के को-फाउंडर भी हैं। यह जॉर्जिया बेस्ड एक वेलनेस और अप्लायड हेल्थ सेंटर कंपनी है।

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बेज़ोस की स्पेस कंपनी ने प्रेस रिलीज में कहा है, ‘कमर्शियल तौर पर फ्लाइट जेट उड़ाने के अलावा, गोपी बुश, ऐरोबेटिक और सीप्लेन्स उड़ाते हैं। इसके अलावा ग्लाइडर और हॉट एयर बलून भी फ्लाई करते हैं। और वह एक इंटरनेशनल मेडिकल जेट पायलर भी हैं। वह जिंदगीभर एक ट्रैवलर रहे हैं और हाल ही में वह Mt. Kilimanjaro की एडवेंचर ट्रिप पर गए थे।’

थोटाकुरा की LinkedIn प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने बेंगलुरू के प्राइवेट स्कूल सरला बिड़ला एकेडमी से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने फ्लोरिडा के डायटोना बीच में Embry-Riddle Aeronautical University से Aeronautical Sciences में बैचलर की डिग्री हासिल की। एनडीटीवी के मुताबिक, उनका जन्म विजयवाड़ा में हुआ।

किस मिशन पर जा रहे हैं गोपी थाटुकोरा?
2022 में एनएस-22 के बाद पूरी तरह से रीयूजेबल न्यू शेपर्ड रॉकेट के लिए क्रू के साथ जाने वाली यह पहली उड़ान होगी। बता दें कि सितंबर 2022 में एक मानव रहित मिशन के दौरान इंजन फेल होने के चलते हुए क्रैश के बाद रॉकेट के बेड़े पर रोक लगा दी गई थी और दिसंबर 2023 में वापस उड़ान शुरू की। थोटाकुरा और एड ड्वाइट के अलावा इस मिशन में चार अन्य अंतरिक्ष यात्री मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरोन, केनेथ एल. हेस और कैरोल स्कॉलर शामिल होंगे।

एनएस-25, ब्लू ओरिजिन की चालक दल वाली सातवीं सबऑर्बिटल अंतरिक्ष उड़ान होगी। एक उप-कक्षीय अंतरिक्ष उड़ान के दौरान, अंतरिक्ष यान बाहरी अंतरिक्ष तक पहुंच जाएगा, लेकिन एक कृत्रिम उपग्रह बनने या पृथ्वी से बचने के लिए पर्याप्त वेलोसिटी (वेग) प्राप्त करने के बजाय, यह पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करने से पहले एक कक्षा पूरी करेगा। ब्लू ओरिजिन ने अभी तक मिशन की तारीख की पुष्टि नहीं की है।

क्या है New Shepard?
बता दें कि न्यू शेपर्ड लॉन्च सिस्टम का नाम स्पेस में जाने वाले पहले भारतीय एलन शेपर्ड (Alan Shepard) के नाम पर पड़ा है। रीयूजेबल सबऑर्बिटल रॉकेट सिस्टम में कंपनी का ब्लू इंजन 3 (BE3) इंजन लगा है जो रॉकेट के रीयूजेबल सेक्शन को उतारने के लिए बूस्टर को केवल आठ किलोमीटर प्रति घंटे तक कम कर सकती है।

छह अंतरिक्ष यात्री न्यू शेपर्ड के प्रेशराइज्ड (दबावयुक्त) क्रू कैप्सूल में बैठेंगे जहां, ‘हर अंतरिक्ष यात्री को अपनी खिड़की वाली सीट मिलेगी।’
छह अंतरिक्ष यात्री न्यू शेपर्ड के दबावयुक्त क्रू कैप्सूल में बैठेंगे जहां “प्रत्येक अंतरिक्ष यात्री को अपनी खिड़की वाली सीट मिलेगी।” मिशन पर कोई पायलट नहीं होगा क्योंकि वाहन पूरी तरह से ऑटोनॉमस (स्वायत्त) है।