WhatsApp को दुनियाभर में दो अरब से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं। और भारत जैसे विकासशील देशों में इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और इसके यूजर बेस में भी इजाफा हो रहा है। Meta के मालिकाना हक वाला इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप लगातार अपने यूजर्स की सेफ्टी और प्राइवेसी बनाए रखने के लिए नए फीचर्स रोलआउट करता रहता है। व्हाट्सऐप के लगातार बढ़ रहे डाउनलोड्स और लोकप्रियता के चलते ही यह मैसेजिंग प्लेटफॉर्म स्कैमर्स के टारगेट पर भी रहता है।

अलग-अलग तरह और उम्र के यूजर्स होने के चलते साइबर क्रिमिनल्स के लिए व्हाट्सऐप अपराध के लिए एक आसान टारगेट है। ये स्कैमर्स लोगों से पैसे ठगने और उन्हें लालच देने के लिए अलग-अलग नए तरीके अपनाते रहते हैं। अधिकतर यूजर्स इस जाल में फंसकर अपना निजी डेटा लीक करने, पैसे गंवाने और डिवाइस में मैलवेयर डाउनलोड करने जैसे काम कर बैठते हैं। पिछले कुछ महीनों में इन ठगों ने एक नया तरीका अपनाया है जिसके जरिए व्हाट्सऐप यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है। ठगी का यह तरीका steganography है जिसे स्कैमर्स अब आम भोलेभाले लोगों का पैसा लूटने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

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Steganography क्या है और कैसे होता है अटैक?

Steganography एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी इमेज फाइल के अंदर मैलिशियस (हानिकारक) कोड छिपा दिया जाता है। इस प्रक्रिया को Least Significant Bit (LSB) Steganography कहा जाता है। इसमें किसी मीडिया फाइल के कुछ हिस्सों में गुप्त डेटा छिपाया जाता है। आम तौर पर इन इमेज फाइल्स में तीन बाइट्स होती हैं – रेड, ग्रीन और ब्लू कलर को दिखाने के लिए। जबकि छिपी हुई जानकारी चौथी बाइट, यानी ‘alpha’ चैनल में एन्कोड की जाती है।

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जब यूजर ऐसी कंप्रोमाइज्ड इमेज को ओपन करता है, तो उसके डिवाइस में बिना जानकारी के मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है। यह मैलवेयर बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा लेता है। कई मामलों में अटैकर्स को यूजर के डिवाइस का रिमोट एक्सेस भी मिल जाता है।

अगर यूजर इमेज नहीं खोलता तो स्कैमर्स किसी फोन कॉल या मैसेज के जरिए उसे फाइल एक्सेस करने के लिए मजबूर कर देते हैं, जिससे ठगी का जाल पूरा हो सके। और लोगों को फंसाया जा सके।

WhatsApp Photo Scam से कैसे बचें

-यूजर्स को व्हाट्सएप के लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करना चाहिए।

-संदिग्ध दिखने वाले नंबरों से बचें, खासकर उन नंबरों से जिन्होंने आपको व्हाट्सएप डेस्कटॉप पर अटैचमेंट भेजा है क्योंकि यह अनवांटेड मैलवेयर हो सकता है।

-यदि आपको किसी अनजान नंबर से कोई लिंक मिलता है तो उस पर क्लिक करने से बचें और कॉन्टैक्ट को ब्लॉक कर दें।

-एप्लिकेशन केवल Microsoft Store या Play Store, App Store जैसे भरोसेमंद सोर्स से ही डाउनलोड करें।

डिजिटल हाइजीन: अपनी डिवाइस को सुरक्षित रखने के जरूरी कदम

आज के डिजिटल युग में साइबर सिक्योरिटी सिर्फ टेक्निकल नहीं बल्कि रोज़मर्रा की जरूरत बन गई है। कुछ आसान कदम अपनाकर आप खुद को और अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं:

एंटीवायरस ऐप इंस्टॉल करें
अपने मोबाइल और कंप्यूटर में भरोसेमंद एंटीवायरस या सिक्योरिटी ऐप जरूर रखें। यह हानिकारक फाइल्स और मैलवेयर को तुरंत पहचान लेता है।

अज्ञात लिंक या फाइल पर क्लिक न करें
किसी अनजान नंबर या ईमेल से आए लिंक या फोटो को ओपन करने से बचें। यह फिशिंग या मैलवेयर अटैक का जरिया हो सकता है।

सिक्योरिटी अपडेट हमेशा इंस्टॉल करें
अपने मोबाइल, लैपटॉप और ऐप्स को हमेशा लेटेस्ट वर्ज़न पर अपडेट रखें। अपडेट्स में सुरक्षा संबंधी कमजोरियों को दूर किया जाता है।

टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करें
व्हाट्सऐप, जीमेल और बैंकिंग ऐप्स में टू-स्टेप वेरिफिकेशन फीचर ऑन करें ताकि कोई भी अनजान व्यक्ति आपके अकाउंट में लॉगइन न कर सके।

स्ट्रॉन्ग पासवर्ड और बायोमेट्रिक लॉक का इस्तेमाल करें
हर अकाउंट के लिए अलग और मजबूत पासवर्ड रखें, और संभव हो तो फिंगरप्रिंट या फेस लॉक जैसी बायोमेट्रिक सुरक्षा का इस्तेमाल करें।