अगर आप किसी व्हाट्सऐप चैट (WhatsApp Chat) से इमेज डाउनलोड करते हैं तो आप अपने बैंक अकाउंट को खतरे में डाल सकते हैं। जी हां, साइबर फ्रॉड व्हाट्सऐप पर शेयर किए जाने वाले फॉरवर्ड मैसेज में दिखने वाली साधारण इमेज फाइल्स में खतरनाक मैलवेयर एम्बेड कर सकते हैं। हाल ही में, मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक मामला सामना आया है, जहां एक 28 वर्षीय शख्स ने व्हाट्सऐप पर आई एक साधारण इमेज को डाउनलोड किया और इसके बाद 2 लाख रुपये गंवा दिए। सही पढ़ा आपने, अब व्हाट्सऐप पर इमेज डाउनलोड करना भी खतरे से कम नहीं है। अगर आप सोच रहे हैं कि इमेज डाउनलोड करने से आखिर कैसे पैसे ठग लिए गए तो हम आपको आज बता रहे हैं इस बारे में। ठगी का यह नया तरीका steganography है जिसे स्कैमर्स अब आम भोलेभाले लोगों का पैसा लूटने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

स्टीगैनोग्राफी क्या है (What is Steganography?)

Steganography में एक इमेज फाइल्स में मैलिशस कोड शामिल रहते हैं। इस्तेमाल की जाने वाली इस टेक्नीक को Least Significant Bit (LSB) steganography कहा जाता है, जिसमें एक मीडिया फाइल के एक हिस्से में जरूरी डेटा छिपा रहता है। इन इमेजेज में आमतौर पर तीन बाइट्स होते हैं जो रेड, ग्रीन और ब्लू कलर को रीप्रेजेंट करते हैं। और छिपी हुई जानकारी एक चौथी बाइट जिसे ‘alpha’ चैनल कहा जाता है, उसमें मौजूद रहती है।

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और जब पीड़ित कंप्रोमाइज की गई इमेज ओपन करता है तो यह मैलवेयर चुपचाप उनकी डिवाइस में इंस्टॉल हो जाता है। मैलेशियस सॉफ्टवेयर यूजर की संवेदनशील जानकारी जैसे बैंकिंग इन्फोर्मेशन और पासवर्ड चोरी कर लेता है। और कुछ मामलों में तो अटैकर्स को डिवाइस का कंट्रोल भी मिल जाता है। और अगर टारगेट यूजर, इमेज को ठीक तरह से ओपन नहीं करता तो स्कैमर्स किसी बहाने से फोन कॉल करके उन्हें फाइल एक्सेस करने के लिए मजबूर कर देते हैं।

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जबलपुर की घटना में, मैलवेयर ने न केवल पीड़ित के फोन में घुसपैठ की, बल्कि ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) वेरिफिकेश जैसे सेफ्टी प्रोटोकॉल को दरकिनार करके ट्रांजैक्शन को भी अंजाम दिया। साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि कई एंटीवायरस प्रोग्राम असामान्य व्यवहार और खतरों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसका मतलब है कि वे इमेज फाइल के भीतर एम्बेडेड छिपे हुए कोड का पता लगाने में विफल हो सकते हैं।

WhatsApp Photo Scam से कैसे बचें

यूजर्स को व्हाट्सएप को ऐप के लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करना चाहिए।

संदिग्ध दिखने वाले नंबरों से बचें, खासकर उन नंबरों से जिन्होंने आपको व्हाट्सएप डेस्कटॉप पर अटैचमेंट भेजा है क्योंकि यह अनवांटेड मैलवेयर हो सकता है।

यदि आपको किसी अनजान नंबर से कोई लिंक प्राप्त होता है, तो उस पर क्लिक करने से बचें और कॉन्टैक्ट को ब्लॉक कर दें।

एप्लिकेशन केवल Microsoft Store या Play Store, App Store जैसे विश्वसनीय सोर्स से ही डाउनलोड करें।