WhatsApp Fact-Checking Helpline: व्हाट्सऐप को दुनियाभर में करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं। मेटा के मालिकाना हक वाले इस सबसे पॉप्युलर इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप की सबसे बड़ी चिंता भ्रामक और गलत जानकारी को रोकना है। और टेक्नोलॉजी एडवांस होने के साथ ही व्हाट्सऐप पर अब डीपफेक्स (Deepfakes) और AI-जेनरेटेड गलत सूचना को फैलने से बचाना है। व्हाट्सऐप में पिछले कुछ महीनों के दौरान कई सारे नए सिक्यॉरिटी और सेफ्टी फीचर्स आए हैं। लेकिन अब पेरेंट कंपनी Meta और Misinformation Combat Alliance (MCA) ने सोमवार (19 फरवरी 2024) को एक हेल्पलाइन लॉन्च करने का ऐलान किया है।
मेटा और मिसइन्फोर्मेशन कॉम्बैट अलायंस ने बताया कि व्हाट्सऐप पर डीपफेक्स और एआई-जेनरेटेड भ्रामक सूचना को रोकने के लिए एक अलग फैक्ट-चेकिंग हेल्पलाइन जल्द लॉन्च की जाएगी।
इस हेल्पलाइन को आम लोगों के लिए अगले महीने यानी मार्च 2024 से आम लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा। और इससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा जेनरेट होने वाली इमेज की पहचान की जा सकेगी।
WhatsApp new helpline to combat Misinformation
मेटा ने कहा कि नई हेल्पलाइन से प्लेटफॉर्म पर लगों को विश्वसनीय और वेरिफाइड इन्फो पाने में मदद मिलेगी। Misinformation Combat Alliance और स्वतंत्र फैक्ट चेकर्स के एक नेटवर्क व रिसर्च ऑर्गनाइजेशन की मदद से इस हेल्पलाइन को चलाया जाएगा। हेल्पलाइन की मदद से व्हाट्सऐप यूजर्स डीपफेक्स के बारे में व्हाट्सऐप चैटबॉट (WhatsApp Chatbot) को अलर्ट भेज सकेंगे। यह चैटबॉट अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलगू सपोर्ट करता है।
ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि यूजर्स द्वारा भेजे जाने वाले मैसेजेस को फैक्ट-चेकर्स, इंडस्ट्री पार्टनर्स और डिजिटल लैब्स को फॉरवर्ड किया जाएगा। इनके द्वारा कॉन्टेन्ट को एसेस करने के साथ ही वेरिफाई किया जाएगा। और सच या झूठ होने की स्थिति में इस जानकारी को डीबंक किया जाएगा।
मेटा और Misinformation Combat Alliance ने कहा कि इस प्रोग्राम का आधार फोर-पिलर अप्रोच यानी Detection (पहचान), Prevention (रोकथाम), Reporting (शिकायत) और Driving Awareness(जागरूकता) हैं।
मेटा जहां चैटबॉट पर काम कर रही है, वहीं Misinformation Combat Alliance एक ‘deepfake analysis unit’ बनाने पर काम कर रही है। इस यूनिट से हेल्पलाइन पर आने वाले सभी मैसेजेस को मैनेज करने में मदद मिलेगी। टेक दिग्गज ने कहा कि इस हेल्पलाइन प्रोग्राम के जरिए प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना को पहचानने, वेरिफाई करने और रिव्यू करने के लिए 11 स्वतंत्र फैक्ट-चेकिंग ऑर्गनाइजेसन के साथ पार्टनरशिप की गई है।
पिछले काफी समय से व्हाट्सऐप लगातार उन व्हाट्सऐप अकाउंट को बैन कर रहा है जो फेक हैं। इसके अलावा Forward मैसेज के लिए भी लिमिट तय की गई है। लेकिन फिर भी प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना को फैलने से पूरी तरह से नहीं रोका जा सका है।