दूरसंचार संकट का असर अब टेलिकॉम कंपनियों में दिखने लगा है। Reliance Jio, Vodafone-Idea और Bharti Airtel ने दिसंबर से अपने टैरिफ में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इन सभी को देखते हुए अब भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने भी मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने की घोषणा की है। भारतीय टेलिकॉम मार्केट में पिछले कुछ सालों में बड़ा बदलाव देखा गया है और ऑपरेटर्स के बीच कॉम्पिटिशन का फायदा कस्टमर्स को हुआ है। रिलायंस जियो के मार्केट में आने के बाद डेटा और कॉलिंग दोनों ही सस्ते हो गए थे। लेकिन अब सभी कंपनियों ने अपने टैरिफ महंगे करने का मन बना लिया है।
दूरसंचार क्षेत्र में गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बीच बीएसएनएल ने भी मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने की घोषणा की है। इसका असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है। इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, कंपनी अपने मौजूदा टैरिफ प्लान्स का परीक्षण कर रही है और 1 दिसंबर 2019 से टैरिफ प्लान्स की कीमत में इजाफा किया जाएगा। हालांकि अब तक यह साफ नहीं हुआ है की टैरिफ की दरें कितनी बधाई जाएंगी।
पिछले कई महीनों से BSNL और MTNL आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कंपनी के पास अपने कर्मचारियों का वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं। कई कर्मचारियों को वीआरएस स्कीम के तहत सेवा-निवृत्त भी किया गया है। वहीं बात करें प्राइवेट कंपनियों की तो उनके लिए भी यह साल अच्छा नहीं रहा है। वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल दोनों को इस साल घाटा हुआ है।
वोडाफोन-आइडिया को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,922 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। किसी भारतीय कंपनी का एक तिमाही में यह अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है। एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है। इसी के चलते सभी कंपनियों ने सेवाओं की दरें बढ़ाने का फैसला लिया।
कंपनियों के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के लंबित बेहद भारी भरकम बकाए के बाद यह फैसला सामने आया है। इससे साफ है कि अब टेलिकॉम इंडस्ट्री में प्राइस वार खत्म हो रहा है और इसी के साथ सस्ती कॉलिंग और डेटा का दौर भी।