सोशल मीडिया एप्लीकेशन Tiktok पर मद्रास हाईकोर्ट ने बैन लगा दिया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए स्टे देने से इंकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के इस रुख के बाद इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफोर्मेटिव टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने गूगल और एप्पल को निर्देश दिए हैं कि वह अपने प्ले स्टोर से इस एप को हटा दें, ताकि लोग इसे डाउनलोड ना कर सकें। हालांकि अभी भी इस एप को डाउनलोड करने के रास्ते खुले हुए हैं। दरअसल वेब बेस्ड थर्ड पार्टी एप स्टोर्स से Tiktok एप अभी भी अपने मुख्य वर्जन और लाइट वैरिएंट दोनों में डाउनलोड की जा सकती है। इन थर्ड पार्टी एप स्टोर्स में Apk Mirror और Apkpure आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा श्याओमी के प्ले स्टोर पर भी यह एप अभी भी उपलब्ध है। इनके अलावा भी कई अन्य थर्ड पार्टी एप स्टोर्स हैं, जहां से Tiktok को डाउनलोड किया जा सकता है!

बता दें कि बीते दिनों मद्रास हाईकोर्ट ने यह कहते हुए टिकटॉक एप पर बैन लगा दिया था कि यह एप पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा देती है। इसके बाद टिकटॉक, इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची, लेकिन 15 अप्रैल को अपने एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने भी मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद फिलहाल टिकटॉक पर बैन लगा दिया गया है। टिकटॉक साल 2018 में भारत में लॉन्च की गई थी और मौजूदा वक्त में देश में इसके करीब 120 मिलियन एक्टिव यूजर्स हैं। इस एप के यूजर्स में अधिकतर बच्चे और युवा हैं।

टिकटॉक के प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा कि यह स्थायी बैन नहीं है और इससे उनके मौजूदा यूजर्स को कोई नुकसान नहीं होगा। हम मद्रास हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और हमें भारत की न्याय व्यवस्था में पूरा विश्वास है। लाइव मिंट की एक खबर के अनुसार, साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल का मानना है कि एप पर बैन लगाना संभव नहीं है क्योंकि आज के समय में एप पर बैन के बावजूद लोग इसे अन्य प्लेटफॉर्म से डाउनलोड कर सकते हैं। पवन दुग्गल ने कहा कि एप पर बैन लगाने के बजाए गलत कंटेट डालने वाले लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।